मोदी का स्वागत करने के इंतजार में हैं ओबामा
वाशिंगटन। राष्ट्रपति बराक ओबामा अगले माह अमेरिका यात्रा पर आ रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्वागत करने के इंतजार में हैं। हालांकि एक सिख मानवाधिकार समूह ने व्हाइट हाउस में ओबामा के साथ मोदी की मुलाकात को रद्द किए जाने के लिए आनलाइन अपील जारी की है। विदेश विभाग की उप प्रवक्ता मैरी हार्फ ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति, मंत्री (विदेश) प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका में अगवानी करने के इंतजार में हैं। हम उनके चुनाव के बाद से लगातार यह बात कह रहे हैं और यही बात अब भी है।’’ मोदी की मुलाकात को रद्द करने के लिए न्यूयार्क स्थित सिख फोर जस्टिस समूह द्वारा जारी की गयी आनलाइन याचिका के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, श्श्मैं समझती हूं कि यह ‘‘वी दी पीपुल’’ याचिकाओं में से एक है। इसमें कुछ फर्जीवाड़े की जांच की गयी थी जिसमें बड़े पैमाने पर गलत संख्याएं भी थीं… मुझे समझ नहीं आ रहा है कि इस शब्द को कैसे कहूं।’’ इस याचिका में एसएफजे ने राष्ट्रपति ओबामा से मोदी के साथ सितंबर में होने वाली उनकी बैठक को रद्द किए जाने की मांग की है। समूह ने 2005 से मोदी के वीजा पर लगे प्रतिबंध संबंधी दस्तावेज भी मांगे हैं। 2005 में अमेरिकी विदेश विभाग ने 2002 के गुजरात दंगों के कारण मोदी को जारी अमेरिकी यात्रा के वीजा को रद्द कर दिया था। हार्फ ने बताया कि इस याचिका के बहुत सारे हस्ताक्षरों को भागीदारी की शर्तों के कारण हटा दिया गया है। उन्होंने मंगलवार को कहा था, श्श्उपयोगकर्ता अभी भी याचिका पर हस्ताक्षर कर सकते हैं और यदि यह अंतिम समय सीमा से पूर्व एक लाख वास्तविक हस्ताक्षर हासिल कर लेती है तो मुझे लगता है कि इस पर आधिकारिक प्रतिक्रिया आएगी। इसलिए एक बार फिर कहूंगी कि लोग अपनी बात रखने के लिए आजाद हैं।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिका एक विदेशी प्रधानमंत्री या दूसरे देश के नेता पर मुकदमा चला सकता है उन्होंने कहा, श्श्मैं ऐसे काल्पनिक सवाल पर अनुमान लगाना नहीं चाहूंगी।’’ उन्होंने कहा, श्श्मैं वही बात दोहरा रही हूं जो मैंने अभी कही है कि हम प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा का इंतजार कर रहे हैं जैसा कि राष्ट्रपति और विदेश मंत्री दोनों ने कहा है।’’ इस वर्ष आम चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के बाद राष्ट्रपति ओबामा ने मोदी को खुद फोन किया था और उन्हें व्हाइट हाउस में सितंबर के अंतिम सप्ताह में बैठक का न्यौता दिया था।