दस्तक टाइम्स /एजेंसी
नई दिल्ली. । एप्पल भारत में इन्वेस्ट करना चाहती है। अगर ऐसा होता है तो यह मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ प्रोजेक्ट के लिए बड़ी कामयाबी होगी। बता दें कि मोदी 26-27 सितंबर को सैन फ्रांसिस्को में होंगे। इस दौरान वह देश के ‘डिजिटल इंडिया कैंपेन’ के तहत तमाम बड़े इन्वेस्टर्स को भारत आने का न्योता देंगे।
इस साल के थर्ड क्वार्टर में भारत में आई फोन की बिक्री 93 फीसदी बढ़ी है। यह चीन से ज्यादा है। वहां एप्पल आई फोन की बिक्री 87 फीसदी बढ़ी है। विदेशी ऑटो कंपनियां पहले से ही भारत में इन्वेस्ट कर चुकी हैं। ऐसे में, भारत चाहता है कि एप्पल हमारे देश में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाए। इससे रोजगार भी बढ़ेगा और दुनिया में ये मैसेज जाएगा कि भारत में इन्वेस्टमेंट के लिहाज से बढि़या माहौल है। एप्पल मैन्युफैक्चरिंग के लिए फॉक्सकॉन की फैसिलिटीज यूज करती है। फॉक्सकॉन पहले ही वादा कर चुकी है कि वह महाराष्ट्र में 5 बिलियन डॉलर की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाएगी।माना जा रहा है कि एप्पल थर्ड वर्ल्ड के मार्केट को देखते हुए भारत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने पर विचार कर रही है। खबर है कि एप्पल भारत में अपने प्रोड्क्ट्स को नया लुक देने की यूनिट लगाने पर विचार कर रही है, लेकिन देश की इंडस्ट्रियल पॉलिसी में फिलहाल इसकी इजाजत नहीं है। माना जा रहा है कि एप्पल भारत सरकार से इस पॉलिसी में बदलाव करने की मांग कर सकती है।माना जा रहा है कि एप्पल के प्रोडक्ट्स के लिए एशिया बड़ा मार्केट है। इनमें फोन, कम्प्यूटर्स, टैबलेट्स और लैपटॉप शामिल हैं। ये भी माना जाता है कि भारत और एशिया के दूसरे देशों में एप्पल सैमसंग जैसी कंपनी को टक्कर दे सकती है।टिम कुक मोदी मोदी के अलावा चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मिलेंगे। भारत और चीन एशिया की दो बड़ी इकोनॉमी हैं। कुक के साथ कुछ और बड़ी कंपनियों के सीईओ भी जिनपिंग से मिलेंगे।