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मोदी ने किए थे ये 10 बड़े वादे, और जनता को मिला ये…

भारतीय जनता पार्टी ने 2014 के मैनिफेस्टो में ‘सबका साथ सबका विकास’ का वादा किया था. बीजेपी ने अलग-अलग क्षेत्रों में जनता को बेहतर सुविधाएं देने की बात कही थी. आखिर 5 सालों बाद अपने ही किए वादों पर BJP कहां ठहरती है? आइए जानते हैं…

मुद्दा: महंगाई. वादा- ब्लैक मार्केटिंग और जमाखोरी को रोकने के लिए स्पेशल कोर्ट बनाना. मूल्य स्थिरता के लिए स्पेशल फंड तैयार करना. एफसीआई ऑपरेशन को बेहतर करना. नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट तैयार करना.
क्या हुआ- सरकार ने दाम बढ़ने पर जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई की. लेकिन स्पेशल कोर्ट नहीं बनाए गए. दाम स्थिर रखने के लिए फंड नहीं बना. सरकार ने सब्सिडी घटाई, लेकिन दाम ऊंचे ही रहे. एफसीआई उसी तरह काम करता रहा, जैसा पहले था. हालांकि, नुकसान को 0.19 लाख टन (2014-15) से घटाकर 0.03 लाख टन (2017-18) किया गया. डायरेक्टर ट्रांसफर के जरिए पैसे देने में लीकेज को रोका गया. सरकार ने नेशनल एग्रीकल्चर इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल भी लॉन्च किया.

मुद्दा- क्षेत्रीय आकांक्षाएं. वादा- नॉर्थ ईस्ट के राज्यों की कनेक्टिविटी को बेहतर करने और बाकी राज्यों से जोड़ने के लिए खास ध्यान देना. कश्मीरी पंडितों को घाटी में दुबारा भेजना. आर्टिकल 370 हटाने पर सर्वसम्मति तैयार करना.
क्या हुआ- नॉर्थ ईस्ट में आधारभूत संरचनाओं के विकास के लिए नए प्रोजेक्ट शुरू किए गए. कई पूरे हुए. नया रेल और हवाई रूट शुरू हुआ.

मुद्दा- स्वास्थ्य सेवाएं. वादा- नेशनल हेल्थकेयर प्रोग्राम, डिलिवरी, मेडिकल एजुकेशन, फाइनांसिंग. राज्यों में एम्स जैसे संस्थान बनाना.
क्या हुआ- आयुष्मान भारत शुरू किया गया. राज्यों में नए एम्स का काम शुरू हुआ. वैक्सिनेशन प्रोग्राम मिशन इंद्रधनुष शुरू हुआ.

मुद्दा- रोजगार और एन्टरप्रेन्योरशिप. वादा- सेल्फ एंप्लॉयमेंट के जरिए युवाओं को प्रेरित करना और समर्थ बनाना. कृषि, एलायड इंडस्ट्रीज और रिटेल को आधुनिक बनाने पर फोकस करना. क्रेडिट और मार्केट लिंक को मजबूत करना. मल्टी स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम शुरू करना जो रोजगार और एन्टरप्रेन्योरशिप पर फोकस हो.
क्या हुआ- स्टार्टअप इंडिया, मुद्रा, 59-मिनट ऋण जैसी कई वित्तीय योजनाएं शुरू की गईं. स्किल इंडिया लॉन्च हुआ. ईपीएफओ के आंकड़ों का दावा है कि दिसंबर 2018 तक 16 महीनों में लगभग 2 करोड़ नौकरियां पैदा हुईं.

मुद्दा- खुली सरकार और जवाबदेह प्रशासन. वादा- सरकारी रिकॉर्ड का डिजिटलाइजेशन. इंडस्ट्री, अकेडमिक्स और सोसायटी के एक्सपर्ट के लिए सरकार का आगे आना. ई-गवर्नेंस के लिए ब्रॉडबैंड की पहुंच और उपयोग बढ़ाना. ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में आईटी आधारित नौकरियां पैदा करना. मोबाइल और ई-बैंकिंग के जरिए वित्तीय समावेशन सुनिश्चित करना.
क्या हुआ- डिजिटल इंडिया सरकार के काम करने के क्षेत्रों में प्रमुख रहा. भूमि सहित रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण में उल्लेखनीय काम हुआ. नोटबंदी के बाद ऑनलाइन बैंकिंग और भुगतान प्रणाली के लिए विशेष प्रोत्साहन. BHIM जैसे भुगतान ऐप लॉन्च करने से ग्रामीण क्षेत्रों में जल्दी से मनी ट्रांसफर होने लगा.

मुद्दा- अल्पसंख्यकों के लिए समान अवसर. वादा: मदरसों का आधुनिकीकरण. पारंपरिक कारीगर और एनटरप्रेन्योरशिप वाले स्किल में सुधार. शांतिपूर्ण और सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करना.
क्या हुआ- मदरसों में कोई महत्वपूर्ण सुधार नहीं हुआ. सरकार ने अल्पसंख्यक कारीगरों और शिल्पकारों को बढ़ावा देने के लिए ‘उस्ताद’ योजना शुरू की.

मुद्दा- महिलाएं. वादा- संविधान संशोधन के माध्यम से महिलाओं को 33% आरक्षण देना. लड़कियों की सुरक्षा के लिए ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ शुरू करना.
क्या हुआ- महिलाओं के लिए आरक्षण एक दूर का सपना. ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना शुरू.

मुद्दा- भ्रष्टाचार. वादा: ब्लैक मनी टास्क फोर्स बनाना. विदेश में रखे काले धन को वापस लाने की प्रक्रिया शुरू करना. टैक्स व्यवस्था को सरल बनाना.
क्या हुआ- सरकार के सत्ता संभालने के तुरंत बाद एक टास्क फोर्स का गठन किया गया, लेकिन विदेशों में जमा काले धन को लाने में कोई उल्लेखनीय प्रगति नहीं. जीएसटी ने टैक्स व्यवस्था को सरल बनाया.

मुद्दा- ग्रामीण और शहरी विकास. वादा: ग्रामीण स्तर के बुनियादी ढांचे (सड़कें, पीने योग्य पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, सप्लाई चेन, बिजली) में सुधार. 100 नए शहरों का निर्माण. आधुनिकीकरण, स्वच्छता और बेहतर बुनियादी ढांचे पर फोकस करना.
क्या हुआ: सौभाग्य योजना के तहत सभी के लिए बिजली की सप्लाई सुनिश्चित की गई. गांवों पर फोकस रहा. शहरी सड़क कनेक्टिविटी में बदलाव आया. उज्ज्वला योजना के तहत लगभग 7 करोड़ परिवारों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन मिला. पीएम आवास योजना के तहत महत्वपूर्ण कार्य हुए. गांवों में शौचालय निर्माण हुआ. 100 स्मार्ट शहरों की परियोजना पर काम शुरू हुआ और शुरुआती किश्तें चयनित शहरों के प्रशासन को भेजा गया.

मुद्दा- राम मंदिर. वादा: अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए संविधान के तहत सभी संभावनाएं तलाश करना.
क्या हुआ- कई कंसल्टेशन हुए. वर्तमान स्थिति क्या है- सुप्रीम कोर्ट ने तीन सदस्यीय पैनल के माध्यम से मध्यस्थता का आदेश दिया है.

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