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मोदी ने सिंगापुर की कंपनियों को नवरत्न PSUs में निवेश का दिया न्योता

Indian Prime Minister Narendra Modi, left, and Singapore Prime Minister Lee Hsien Loong pose for photographers while holding stamped metal sheets they made at a vocational and technical training institute in Singapore on Tuesday, Nov. 24, 2015. Modi is on a two-day official visit to the city-state. (Wallace Woon/Pool Photo via AP)

सिंगापुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंगापुर की कंपनियों को भारत में सार्वजनिक उपक्रमों के प्रस्तावित विनिवेश में शामिल होने का आज न्योता दिया। इसके अलावा उन्होंने कम से कम 20 स्मार्ट शहरों के विकास के लिए सिंगापुर की मदद मांगी है।

मोदी ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग तथा राष्ट्रपति टोनी टैन केंग सहित विभिन्न नेताओं के साथ व्यापक विचार विमर्श के दौरान भारत में ‘कई सिंगापुर बनाने’ के विचार पर जोर दिया। इसके अलावा उन्होंने सिंगापुर में रपया बांड तथा इन्फ्रास्ट्रक्चर बांड जारी करने की भी वकालत की। प्रधानमंत्री ने क्षेत्रीय वृहद आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) को तेजी से पूर्ण करने की जरूरत बताई जिससे एशिया के भीतर एक नया आर्थिक ब्लाक बनाया जा सके।

मोदी ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री को भारत आने, विशेष रूप से गुजरात आने का न्योता दिया, जिससे वह एशियाई शेयरों के पूरे परिवार को देख सकें। यह सिंगापुर के चिन्ह का एक हिस्सा भी है। सिंगापुर ने भारत के लिए उड़ाने बढ़ाने की बात की, तो मोदी ने कहा कि सिंगापुर, भारत में रेलवे स्टेशनों के उन्नयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। मोदी की बैठकों के बारे में विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) अनिल वधवा ने कहा कि व्यापक रूप से कुल 14-15 मुद्दों पर चर्चा हुई। इनमें कौशल विकास, शहरी विकास, पर्यटन, नागर विमानन और वित्तीय सेवाएं शामिल हैं।

वधवा ने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के नवरत्न उपक्रमों के विनिवेश पर भी चर्चा हुई। मोदी ने सिंगापुर की कंपनियों को इन उपक्रमों के विनिवेश में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया। चालू वित्त वर्ष में सरकार ने सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश से 69,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। वधवा ने कहा कि सिंगापुर के नेताओं के साथ मोदी की बातचीत व्यापक महत्व के क्षेत्रों मसलन रक्षा और सेवाएं, सांस्कृतिक आदान प्रदान, आर्थिक सहयोग और वित्तीय सेवाओं पर केंद्रित रही। सिंगापुर ने भारत को उसकी ‘उमा परमेश्वरी’ की प्रतिमा भी लौटाई।

बातचीत में प्रधानमंत्री ने कहा कि मेक इन इंडिया की सफलता में कौशल उन्नयन का बड़ा महत्व है। मोदी ने कहा कि सिंगापुर भारत में शहरी विकास में बड़ा सहयोग कर सकता है। सरकार ने 100 स्मार्ट शहर बनाने की घोषणा की है। इनमें से 20 स्मार्ट शहरों में सिंगापुर सहयोग कर सकता है। पत्रकार वार्ता में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने कल रात मोदी को रेस्तरां लिटल इंडिया में एक रेस्त्रां में बिना किसी तैयारी के रात के भोजन पर आने और क्षेत्र में दिवाली की रोशनी देखने को कहा।

वधवा ने बताया कि इस रेस्तरां में बड़ी संख्या में सामान्य जन आते हैं। सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने कहा कि वह 30 साल पहले इस रेस्तरां आए थे और उन्हें अभी भी उसकी याद है। उन्होंने बताया कि सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने मोदी के साथ रात्रि भोज का आनंद लिया। दोनों नेताओं ने मसालेदार दक्षिण भारतीय भोजन का आनंद लिया। दोनों नेताओं ने वहां ली गयी सेल्फी और सोसल मीडिया के बढते महत्व पर चर्चा की। वधवा के मुताबिक दोनांे नेताओं में अमरावती पर भी बात हुई। यह आंध्र प्रदेश की नई राजधानी है जिसे सिंगापुर की मदद से बनाया जा रहा है।

उन्होंने बताया, मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में एक नया धार्मिक शहर बनाने का प्रस्ताव किया है, सिंगापुर इस परियोजना पर राज्य सरकार के साथ काम करने का अवसर तलाश सकता है। उन्होंने भारत में कई सिंगापुर बनाने की भी बात की। वित्तीय सेवाओं के मामले में दोनों नेताओं ने इस बात पर चर्चा कि कैसे दोनों देशों के बैंक एक-दूसरे के साथ मिलकर काम कर सकते हैं। साथ ही सिंगापुर में रुपया बांड व इन्फ्रास्ट्रक्चर बांड जारी करने पर भी बातचीत हुई।

दोनों नेताओं की बातचीत का एक अन्य प्रमुख केंद्र नागर विमानन क्षेत्र रहा। सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने पूछा कि क्या इस क्षेत्र को और खोला जा सकता है। सिंगापुर हमेशा से मुक्त आकाश नीति का समर्थक रहा है। सिंगापुर से भारत के लिए उड़ानों की संख्या दोगुना करने पर भी चर्चा हुई। मोदी ने कहा कि भारत जल्द नई विमानन नीति लेकर आएगा, जिसके दायरे में कई मुद्दे आएंगे। इसमें बुद्ध सर्किट सहित अन्य क्षेत्रों के लिए कनेक्टिविटी बढ़ाना शामिल है।

बातचीत के दौरान क्षेत्री व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) को लेकर चल रही वार्ताओं का जिक्र आने पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत इसको जल्द पूर्ण किए जाने के पक्ष में है, जिससे एशियाई क्षेत्र में नया ब्लाक बनाया जा सके। दोनों नेताओं ने रेल क्षेत्र पर भी चर्चा की। मोदी ने कहा कि भारत में कम से कम 500 रेलवे स्टेशनों का उन्नयन सार्वजनिक निजी भागीदारी :पीपीपी: में किया जा रहा है और सिंगापुर निश्चित रूप से इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

अलग से मालदीव में मौजूदा मुद्दों के बारे में स्वरूप ने कहा, राजनीतिक बहुलता भारत-मालदीव रिश्तों का हिस्सा है। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने हालिया बैठकों में विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श किया है। प्रधानमंत्री ने तकनीकी शिक्षा की ओर ध्यान देने का भी संकेत दिया। वह सिंगापुर के प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में स्थित तकनीकी शिक्षा संस्थान (आईटीई) भी गए।

 

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