फीचर्डराजनीतिराष्ट्रीय

मोदी लहर को रोकने के लिए एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने ढूंढी तरकीब, अब महाराष्ट्र चुनाव में आजमाएंगे

मुंबई: लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद बाद ऐसा लगता है महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) अध्यक्ष शरद पवार  का करिश्मा कम होता हुआ दिख रहा है. 2019 लोकसभा चुनाव में एनसीपी अध्यक्ष को 4 सीटें मिली हैं. लोकसभा में हुई करारी हार के बाद मुंबई में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार की अध्यक्षता में शनिवार को पार्टी के नेताओं के साथ बैठक हुई.

ऐसा लग रहा था कि इस बैठक में कुछ नया होगा, लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं. सूत्रों कि मानें तो इस बैठक में पार्टी के नेतृत्व पर सवाल उठाने की किसी ने हिम्मत नहीं दिखाई और नही शरद पवार की तरफ से कोई नेतृत्व बदलाव के संकेत मिले. लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी नैतिक जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए अपना इस्तीफा दिया. उनके साथ ही राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों ने अपने इस्तीफे की पेशकश की, लेकिन एनसीपी की बैठक में ऐसा कुछ नहीं हुआ.

शरद पवार ने अपनी इस्तीफे की पेशकश नहीं की. पार्टी नेतृत्व की बागडोर शरद पवार परिवार के अलावा किसी और के हाथ मे जाए इसे लेकर कुछ नहीं कहा. सब कुछ पहले से ही सेट और तय लग रहा था.

एनसीपी सांसद माजीद मेमन ने कहा, ‘शरद पवार हमारे पार्टी के मुख्य मार्गदशक हैं, आज की मीटिंग में नेतृत्व परिवर्तन की मांग नहीं उठी और पार्टी अध्यक्ष की तरफ से इस्तीफे की कोई पेशकश नहीं हुई. आगामी विधानसभा में जीते के लिए कार्यकर्ताओं को मेहनत से काम करने के लिए कहा है.

एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक के मुताबिक ये हार एक कलेक्टिव रिसपासिबिलीटी है. इस हार का ठिकरा किसी एक पर फोड़ना सही नहीं. शरद पवार देश के प्रमुख नेताओं में से एक है, उनके नेतृत्व में हम और आगे बढ़ेंगे.

इलेक्शन के पहले ऐसा माहैला था कि शरद पवार महाराष्ट्र के माढ़ा सीट से चुनाव लड़ेंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. उस वक्त माढ़ा के सांसद विजय सिह मोहिते पाटील चाहते थे कि उनके बेटे रणजित सिंह पाटिल चुनाव लड़े, लेकिन शरद पवार को यह मंजूर नहीं था तो, रणजित सिंह पाटील ने बीजेपी का दामन थाम लिया था, बेटे के बाद पिता विजय सिंह मोहिते पाटील भी बीजेपी मे शामिल हुए. इसके अलावा पार्टी के कुछ और नाराज नेता भी शिवसेना में शामिल हो गए.

इस चुनाव में शरद पवार ने प्रचार की कमान खुद संभाली थी, पार्टी के एक-एक प्रत्याशी के बड़े केलकुलेशन के साथ टिकट दिया था. कहा जाता है कि पवार का गणित जल्दी फेल नहीं होता, लेकिन इस बार पीएम मोदी की लहर में असफल साबित हुए. 19 प्रत्याशियों में से शरद पवार के पांच प्रत्याशी जीते. पवार के पोते पार्थ पवार भी महाराष्ट्र के मावल सीट से हार गए. ऐसा पहली बार हुआ है कि पवार खानदान का कोई इलेक्शन हारा है, यानी शरद पवार इस बार भी चुक गए. रिजल्ट के पहले शरद पवार ने चंद्रबाबू नायडू के साथ मिलकर माहौल ऐसा बनाया था मानो 2019 का पीए बनाने में इनकी अहम भूमिका होगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं.

शरद पवार की मीटिंग में एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल, छगन भुजबल, सुप्रिया सुले, जैसे आला नेता और लगभग सभी सासंद और विधायक और पदाधिकारि मौजूद. पवार ने शनिवार को दो मीटिंग की.

पवार की मीटिंग में हुई ये बातें
– जिस सीटों पर एनसीपी नहीं जीती है, उन जगहों पर पुराने चेहरे की बजाय युवा चेहरों को दिया जाए मौक़ा. यानी अब एनसीपी में हो सकता है बड़ा परिवर्तन. महाराष्ट विधानसभा चुनावों में ज्यादा युवाओं को मिल सकता है मौका.

– EVM मशीन को लेकर उठे सवाल. कहा गया की ईवीएम से मतदान नहीं कराया जाए. बैलट पेपर से मतदान कराने पर दिया गया ज़ोर.

– प्रकाश आंबेडर के वंचित बहुजन आघाड़ी को लेकर हुई चर्चा.

– कुछ नेताओं का कहना प्रकाश आंबेडकर को साथ लेकर विधानसभा चुनाव लड़ा जाए.

– कुछ नेताओं का कहना है कि प्रकाश आंबेडकर एनसीपी के साथ नहीं आएंगे.

– कांग्रेस के साथ एनसीपी के विलय पर कोई चर्चा नहीं हुई.

बीजेपी नेता गिरीश महाजन ने बताया, ‘चुनाव परिणाम के बाद भी एनसीपी के कई नेता बीजेपी के संपर्क में हैं. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के पहले उनका प्रवेश किया जाएगा.’

Related Articles

Back to top button