मोदी सरकार के दो साल पर सामना ने लिखा- ‘पाकिस्तान से चुम्मा चुम्मी जारी है’
केंद्र की मोदी सरकार के दो साल पूरे होने पर भले भारतीय जनता पार्टी और उसके नेता तरह तरह के कार्यक्रमों में भाग लेकर सरकार की उपलब्धियों का बखान कर रहे हों लेकिन उनके ही घटक दल शिवसेना की ओर से दो साल पूरे होने के समय पर जो टिप्पणी की गई है वो भाजपा को रास नहीं आ सकती। शिवसेना के मुखपत्र सामना में प्रकाशित संपादकीय में लिखा गया है कि श्केंद्र की मोदी सरकार को आज दो साल पूरे हो रहे हैं। दो साल पूरे होते समय प्रधानमंत्री का निवास स्वदेशी है या विदेशी इस बात को देखना होगा।श्
हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों को लेकर संपादकीय में लिखा गया है कि श्पांच राज्यों के चुनावों में असम को छोड़कर भाजपा को तमिलनाडुए केरलए पश्चिम बंगाल पुडुचेरी इन चार राज्यों में सफलता नहीं मिली है। इन चुनावों में असम जितनी सफलता नहीं मिल पाई। कुछ भी हो प्रधानमंत्री मोदी का नेतृत्व मजबूत है और वे अकेले ही सरकार को हांक रहे हैं व उत्तम तरीके से कामकाज कर रहे हैं। ऐसा भाजपाइयों का विचार है।श्
केंद्र सरकार के दो साल पूरा करने पर संपादकीय में टिप्पणी की गई है कि श्जैसे एक साल बीत गयाए वैसे ही दूसरा वर्ष खत्म हो गया। पहले और दूसरे साल में ऐसा क्या परिवर्तन हुआ। अनेक योजनाओं की वर्षा इन दो वर्षों में हुई। उन योजनाओं का आगे क्या हुआघ्श् लिखा गया है कि श्मोदी सरकार ने एक के बाद एक कई योजनाएं घोषित कीं। फिर भी लोगों को सिर्फ छः से सात योजनाओं की जानकारी हैए ऐसा देखने को मिलता है।
सरकार की योजनाओं पर कड़ी टिप्पणी करते हुए लिखा गया है कि श्मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद 40 योजनाओं की घोषणा की गई लेकिन जनधनए स्वच्छ भारत और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना को छोड़कर अन्य योजनाएं लोगों तक पहुंची ही नहीं।श्
आंतरिक सुरक्षा और पाक से रिश्तों के लिए संपादकीय में लिखा गया है कि श्नक्सलवादीए आंतकवादी हमले में रोज हमारे जवान शहीद हो रहे हैं। फिर भी पाकिस्तान से चुम्मा चुम्मी जारी है।श् मोदी के विदेश दौरों पर लिखा गया है कि पाक और चीन जैसे पड़ोसी जिस राष्ट्र को मिले हैं उस देश को दुनिया में अधिकाधिक दोस्त इकट्ठा करते घूमना पड़ेगा और इसीलिए मोदी पैर की चकरी लगाकर घूम रहे हैं।श्
कालेधन पर मोदी के भाषण को श्रीवचनश् की उपमा देते हुए कहा गया है कि श्यह कालाधन लाएंगे और हर किसी के 10.11 लाख रुपए जमा होंगे। लेकिन यह आश्वासन दो साल में पूरा नहीं हुआ।श् संपादकीय के आखिर में लिखा गया है कि श्मोदी की सरकार लोगों ने 5 साल के लिए चुनी है। ऐसे में जो कुछ कहना है वह आखिर के साल में कहना ही उचित होगा। फिलहाल तो हम उन्हें शुभकामनाएं दे रहे हैं।श्