एजेंसी/ आज से ठीक दो साल पहले जब नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री की शपथ ली थी तो लोगों को बेहद उम्मीदें थी. लोगों को लगता था कि जैसे मोदी पीएम बनते ही उनकी समस्याओं का समाधान कर देंगे. मोदी सरकार के आज दो साल पूरे हो गए हैं. इन दो सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कईं बड़ी योजनाओं को शुरू किया. देश और देश के बाहर कईं उपलब्धियां उनके खाते में हैं तो दूसरी तरफ पीएम मोदी पर कुछ मामलों में चुप्पी न तोड़ने और आरएसएस का एजेंडा लागू करने के अरोप विपक्ष लगाता रहा है. आखिर इन दो साल पूरे होने पर मोदी सरकार और उनके मंत्रियों को लेकर क क्या सोचते हैं उत्तराखंड के लोग. ये है उनकी बेबाक राय. गवाक्ष जोशी, पूर्व अध्यक्ष छात्र संघ अध्यक्ष: नरेंद्र मोदी की कथनी और करनी में भारी अंतर दिखाई दिया है. कश्मीर में पीडीएफ के साथ मिलकर सरकार बनाने से उनकी कथनी और करनी में अंतर साफ दिखाई दे रहा है. उत्तराखंड की जनता तो हाल ही में मोदी जी की लोकतंत्र विरोधी मानसिकता को देख चुकी है. पीएम मोदी का दो साल का कार्यकाल संतोषजनक नहीं रहा है.
आज से ठीक दो साल पहले जब नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री की शपथ ली थी तो लोगों को बेहद उम्मीदें थी. लोगों को लगता था कि जैसे मोदी पीएम बनते ही उनकी समस्याओं का समाधान कर देंगे. मोदी सरकार के आज दो साल पूरे हो गए हैं. इन दो सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कईं बड़ी योजनाओं को शुरू किया. देश और देश के बाहर कईं उपलब्धियां उनके खाते में हैं तो दूसरी तरफ पीएम मोदी पर कुछ मामलों में चुप्पी न तोड़ने और आरएसएस का एजेंडा लागू करने के अरोप विपक्ष लगाता रहा है. आखिर इन दो साल पूरे होने पर मोदी सरकार और उनके मंत्रियों को लेकर क क्या सोचते हैं उत्तराखंड के लोग. ये है उनकी बेबाक राय. गवाक्ष जोशी, पूर्व अध्यक्ष छात्र संघ अध्यक्ष: नरेंद्र मोदी की कथनी और करनी में भारी अंतर दिखाई दिया है. कश्मीर में पीडीएफ के साथ मिलकर सरकार बनाने से उनकी कथनी और करनी में अंतर साफ दिखाई दे रहा है. उत्तराखंड की जनता तो हाल ही में मोदी जी की लोकतंत्र विरोधी मानसिकता को देख चुकी है. पीएम मोदी का दो साल का कार्यकाल संतोषजनक नहीं रहा है.
डॉ. संजय माहेश्वरी, एसोसिएट प्रोफेसर: मोदी सरकार का दो साल का कार्यकाल जीडीपी में अच्छा रहा है. विदेशी नीति के मामले में अच्छा कार्यकाल है. रेडियो के माध्यम से मन की बात करना एक अच्छी पहल है. लेकिन युवाओं को रोजगार देने, भारतीय मुद्रा को डॉलर के मुकाबले मजबूत करने में मोदी असफल रहे हैं. हालांकि सही आकलन के लिए दो साल का समय कम है.
बबलू कुमार, निजी कंपनी में कार्यरत: मोदी सरकार को युवाओं ने बनाया है. युवा शक्ति के दम पर ही आज मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं. युवाओं ने रोजगार की आस लेकर मोदी को वोट दिया था. दो साल में स्वरोजगार के कई साधन विकसित हुए हैं, लेकिन अभी तक युवाओं की अपेक्षा से मोदी दूर ही हैं. युवाओं की अपेक्षा पूरी करने के लिए मोदी को और काम करने की जरूरत है.
प्रवीण कुमार, समाजसेवी: मोदी सरकार देश के करोड़ों लोगों के सपनों की सरकार है. रातोंरात कुछ नहीं बदलता है. समीक्षा करने के लिए दो साल का समय कम है. इन दो सालों में मोदी जी ने काफी कुछ करके दिखाया है. दुनिया में देश की साख बढ़ी है. कालेधन के विदेश जाने पर रोक लगी है. देश के अंदर छिपा कालाधन बाहर आने लगा है. आने वाले तीन साल में देश काफी परिवर्तन देखेगा.
अनिल झाम्ब, मेडिकल व्यवसायी: मोदी सरकार का दो साल का कार्यकाल सफल रहा है. दो साल में मोदी जी ने दिखा दिया कि देश की प्रधानमंत्री कितना काम कर सकता है. देश के युवाओं ने मोदी को काम करते देखा और उनसे काम करने की प्रेरणा ली है. मोदी जी से प्रेरणा पाकर देश का युवा स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ रहा है. आने वाले सालों में भारत विकसित देश बनेगा.
संजय खटाना, वरिष्ठ पत्रकार: एक पत्रकार के तौर पर विश्लेषण करुं तो मोदी सरकार के दो सालों को लेकर जनता में मिलीजुली राय है. मोदी सरकार कोई विशेष छाप जनता पर नहीं छोड़ पाई लेकिन ये ऐसी सरकार है, जिससे लोगों ने बड़ी उम्मीदें पाली हैं और उम्मीदें अभी तक टूटी नहीं हैं. लोगों को विश्वास है कि आने वाले तीन साल में मोदी कोई न कोई चमत्कार जरूर करेंगे.