मोदी सरकार ने बदली एक और परंपरा, ब्रीफकेस नहीं लाल कपड़े में दिखा बजट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आजादी से चले आ रहे ब्रीफकेस के ट्रेंड को खत्म कर दिया। इससे पहले वे परंपरा बदलते हुए ब्रीफकेस की जगह एक फोल्डर में बजट लेकर निकलीं। अंतरिम बजट में पीयूष गोयल ने लाल रंग के ब्रीफकेस का ही प्रयोग करेगी।
कई परंपराओं को तोड़ा
मोदी सरकार इससे पहले कई परंपराओं को बजट में तोड़ चुकी है। पहले रेल बजट को खत्म किया था, इसके बाद बजट को पेश करने की तारीख को बदला और अब ब्रीफकेस में बजट को ले जाने की परंपरा को भी खत्म कर दिया है। अब तक बजट पेश करने से पहले वित्त मंत्री एक ब्रीफकेस में ही बजट लेकर संसद पहुंचते थे। सीतारमण बजट को इसके बजाए लाल रंग के सीलबंद कवर पैक में इसको ले जाते हुए दिखी। अमूमन बजट को पहले फरवरी महीने के आखिरी कारोबारी दिन को पेश किया जाता था। यह 27 या फिर 28 फरवरी होती थी। लेकिन अब इसे फरवरी की पहली तारीख को पेश किया जाता है। इसके अलावा बाजपेयी सरकार के कार्यकाल में बजट पेश करने का समय शाम पांच बजे के बजाए दिन के 11 बजे किया गया था। वहीं रेल बजट आम बजट से एक दिन पहले आता था, लेकिन अब इसे भी केंद्रीय बजट में पूरी तरह से मिला दिया गया है।
यह है देश का बहीखाता
मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति ने कहा कि यह बहीखाता है, जिसे आज भी कई व्यापारी अपने कारोबार में इस्तेमाल करते हैं। बही खाता हमारे पुराने जमाने की वर्षों से चली आ रही परंपरा है। देश के पहले वित्त मंत्री आरके चेट्टी ने भी बजट को ब्रीफकेस में ले जाने की परंपरा को शुरू किया था। हालांकि मोरारजी देसाई और कृष्णमचारी बजट को फाइल में लेकर के गए थे।