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मोसुल से भाग गया बगदादी

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MAUSOL: दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकी संगठन आईएसआईएस के खिलाफ जारी निर्णायक जंग अब मोसुल की गलियों में चल रही है। इराकी शहर मोसुल को इस्लामिक स्टेट का गढ़ माना जाता है।

गुरुवार को बीते दो साल में पहली बार ऐसा मौका आया, जब इराकी सेना आतंकी संगठन के कब्जे वाले इस इलाके में दाखिल हुई।  बता दें कि इस्लामिक स्टेट ने 2014 में जब मोसुल और कुछ दूसरे इलाकों पर कब्जा किया था, तब तादाद में उनसे ज्यादा इराकी फौज को हाशिये पर ढकेल दिया गया था।
सीएनएन ने अफसरों के हवाले से बताया है कि अब आतंकियों और सैन्य बलों के बीच आमने-सामने की लड़ाई हो रही है। बता दें कि पश्चिमी देशों की सेना की मदद से इराकी और कुर्दिश फाइटर्स ने दो हफ्ते पहले इस्लामिक स्टेट के इस गढ़ को वापस हासिल करने की जंग छेड़ी थी। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि शहर के अंदर की यह जंग बेहद खतरनाक होने वाली है। एक ऐसी जंग जहां सड़कों से लेकर घरों तक में लड़ाई लड़ी जाएगी।
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 भाग गया बगदादी!
मोसुल में सुरक्षाबलों के अंदर पहुंचने से पहले इस्लामिक स्टेट के सरगना अबू बकर अल बगदादी का एक कथित ऑडियो टेप सामने आया। इसमें उसने आतंकियों से एकजुट होकर दुश्मनों पर वार करने की अपील की। बगदादी ने जंग लड़ रहे 5 हजार आतंकियों को मैदान न छोड़ने के लिए कहा। हालांकि, दावा किया गया है कि मौत की डर से वह खुद मोसुल छोड़कर चला गया है।
ब्रिटिश विदेश सचिव बोरिस जॉनसन ने संसद में कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे कुछ खुफिया सूत्रों ने जो जानकारी दी है, वो इस ओर इशारा करती हैं कि सवालों से घिरा यह शख्स (बगदादी) खुद मौके से भाग गया है। वह इंटरनेट का इस्तेमाल करके लोगों से अपील कर रहा है कि वे हिंसा में शामिल हों।’ जॉनसन ने यह भी माना कि इस जंग में कामयाबी मिलने में अभी वक्त लगेगा। 
सीरिया शिफ्ट हो रहे आतंकी
वहीं आतंकियों से लड़ रही शिया पैरामिलिटरी फोर्स पॉप्युलर मोबीलाइजेशन यूनिट्स (PMU) ने कहा है कि उसने पश्चिमी इराक से सीरियाई शहर रक्का जाने वाली संपर्क रोड को काट दिया है। मोसुल में मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि बीते महीने से आईएसआईएस आतंकी और उनके रिश्तेदार बसों में बैठ मोसुल छोड़कर सीरिया भाग रहे थे। इस हफ्ते भी सीरिया की ओर जाने वाली गांवों की सड़कों पर कारों का जाम नजर आया।
आतंकियों के रक्का छोड़कर भागने से इस तरह का जाम लगा। बता दें कि संघर्ष वाले इलाके में करीब 10 लाख आम लोग फंसे हुए हैं। इस वजह से सैन्य बलों को बचाव अभियान चलाने में दिक्कत हो रही है। आईएस आतंकी ऐसे हजारों लोगों को लेकर शहर के अंदरुनी इलाकों में चले गए हैं, जहां वे इनका इस्तेमाल मानव ढाल के तौर पर कर रहे हैं।
फंसे लोगों के बीच डर फैला रहा आईएस 
इस्लामिक स्टेट अपने खिलाफ लड़ रहे ईरान समर्थित शिया फोर्सेज को लेकर आम जनता के बीच डर फैला रहा है। ये फोर्सज न केवल आईएसआईएस बल्कि सुन्नी मुसलमानों और अमेरिकी फौज को भी दुश्मन मानती हैं। ये इतने खतरनाक हैं कि इराकी सरकार ने इनके मोसुल में घुसने पर रोक लगाई है। आशंका थी कि कहीं ये वहां की स्थानीय जनता पर ही जुल्म ढाना शुरू न कर दें। बता दें कि मोसुल से आईएसआईएस आतंकियों को खदेड़ना उसके उस कथित ‘सल्तनत’ पर तगड़ी चोट साबित होगी जिसका विस्तार सीरिया तक है।
 
पांच हजार के खिलाफ एक लाख
इराकी सैनिकों की अगुआई में गठबंधन सेना के करीब एक लाख जवान इस इलाके में जंग लड़ रहे हैं। गांवों को एक-एक करके इस्लामिक स्टेट के कब्जे से आजाद कराया जा रहा है। इस ऑपरेशन में अमेरिकी स्पेशल फोर्सेज मदद कर रही हैं। इसके अलावा, अमेरिका नियमित तौर पर आतंकियों के ठिकानों पर हवाई हमले कर रहा है। हालांकि, सुरक्षाबलों को आईएसआईएस के स्नाइपर्स, इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस, सूइसाइड अटैक का सामना करना पड़ा रहा है। रास्तों में रखे गए बड़े पत्थर भी अभियान की रफ्तार को धीमा कर रहे हैं।
 

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