अद्धयात्म

मौत के नजदीक होते ही हर किसी को मिल जाते हैं ये 4 संकेत…

इस पूरी दुनिया में कोई यह नहीं बता सकता है कि किस एक पल में किसी की मृत्यु होगी लेकिन हर किसी को मौत से पहले कुछ संकेत जरूर मिलते हैं. हालांकि हममें से अधिकतर लोग इन संकेतों को समझ ही नहीं पाते हैं. जो लोग मृत्यु के नजदीक होते हैं, उन्हें इसका एहसास धीरे-धीरे होने लगता है.मौत के नजदीक होते ही हर किसी को मिल जाते हैं ये 4 संकेत...

आइए जानते हैं कौन से हैं ये संकेत…

मृत्यु के करीब आते ही कुछ लोग ऐसी बातें करना शुरू कर देते हैं जिनका कोई मतलब नहीं होता है. वे अचानक मुस्कुराने लगते हैं औऱ कई बार वर्तमान से दूर किसी और ही चीज के बारे में बुदबुदाते हैं. जिंदगी और मौत का गहरा नाता होता है. जब किसी के भी नजदीक मौत आती है तो उन्हें दो तरह के बदलाव महसूस होते हैं.

एक आध्यात्मिक और दूसरे शारीरिक…

जैसे एक भ्रूण कई तरह के शारीरिक बदलावों से होकर गुजरता है वैसे ही मानव शरीर मौत से पहले भी कई तरह के शारीरिक परिवर्तनों का सामना करता है. कई बार मौत के करीब होने पर लोग अपने मृत परिजनों को देखने की बात कहते हैं औऱ कई बार वे उनसे बातें भी करने लगते हैं.

आध्यात्मिक बदलावों के तौर पर इंसान बहुत ही हल्का महसूस करने लगता है. उनका बाहरी दुनिया से संपर्क पूरी तरह खत्म होने लगता है और कई बार वे अपने प्रियजनों से भी बात करना बंद कर देते हैं.

कई बार सपने भी आने वाली मौत का संकेत दे जाते हैं. सपने में लगातार कुछ चीजें देखने को मौत से जोड़कर देखा जाता है. सपने में काला रंग, अंधेरा देखना भी मौत के करीब होने का संकेत माना जाता है. सांप देखने को भी कई संस्कृतियों में अलग-अलग व्याख्याएं की जाती हैं. इसका एक अर्थ मौत या खतरे से ही लगाया जाता है. मौत के संकेतों से जुड़ी यमराज और अमृत की कहानी भी जाननी चाहिए जिससे कि जब मौत हमारे करीब हो तो हम उसका एहसास कर सकें.

अमृत नाम का एक व्यक्ति था. वह यम देवता की दिन-रात पूजा किया करता था क्योंकि उसे अपनी मौत का भय सताता रहता था. मौत से बचने के लिए अमृत यम देवता को प्रसन्न कर उनसे अमरता का वरदान मांग लेना चाहता था. एक दिन जब यमराज प्रकट हुए तो अमृत ने यम से अमरता का वरदान मांगना चाहा लेकिन तब यम ने अमत को समझाया, जिसने जन्म लिया है उसे एक दिन मरना भी है. यही संसार का शाश्वत नियम है.

अमृत ने कृतज्ञ भाव से यम से कहा कि मैं अपनी दोस्ती के नाते एक और निवेदन करता हूं. अगर मौत को टाला नहीं जा सकता तो कम से कम जब मौत मेरे बिल्कुल करीब हो तो मुझे पता चल जाए ताकि मैं अपने जाने से पहले अपने परिजनों के लिए कुछ व्यवस्था कर लूं.

यम ने अमृत को मौत की पूर्व सूचना देने की वादा कर दिया. यम ने इसके बदले में अमृत से कहा कि वह भी वादा करे कि जैसे ही उसे मृत्यु का संकेत मिलेगा वह अपनी संसार से विदा लेने की तैयारी करना शुरू कर देगा. यह कहने के बाद यमराज अदृश्य हो गए.

साल बीतते गए और अमृत ने यम के वादे से आश्वस्त होकर सारी साधना छोड़कर विलासितापूर्ण जीवन जीना शुरू कर दिया. धीरे-धीरे उसके बाल सफेद होने लगे.

कुछ साल बाद, उसके सारे दांत टूट गए, फिर उसकी आखों की रोशनी भी कमजोर हो गई पर फिर भी अभी तक उसे कोई यमराज का कोई संदेश नहीं मिला था.

कुछ साल और बीते और अब वह बिस्तर से उठने में भी असमर्थ हो गया और शरीर बिल्कुल लकवाग्रस्त जैसी स्थिति में पहुंच गया लेकिन उसने मन ही मन अपने दोस्त यम को मौत का कोई संदेश न भेजने के लिए धन्यवाद दिया.

एक दिन वह हैरान रह गया जब उसने अपने पास यमदूतों को देखा. उसने परेशान होकर घर में यमराज का पत्र ढूंढना शुरू कर दिया पर उसे ऐसा कोई पत्र नहीं मिला. जब वह यमलोक पहुंचा तो उसने यम को मुस्कुराते हुए देखा. उसने यमराज पर धोखा देने का आरोप लगाया.

अमृत ने कहा, तुमने मेरे साथ धोखा किया, तुमने अपना वादा नहीं निभाया. तुमने वादा किया था कि तुम मुझे मौत से पहले संदेश भेजोगे लेकिन मुझे कोई संदेश नहीं भेजा. क्या तुम्हें अपने दोस्त को धोखा देने में कोई शर्म नहीं आई?

ब यमराज ने विनम्रतापूर्वक उत्तर दिया, मैंने तुम्हें 4 संदेश भेजे थे लेकिन तुम्हारी लिप्सा ने तुम्हें अंधा बना दिया था. यमराज ने कहा कि तुम बेवकूफ थे जो तुम्हें लगा कि मैं तुम्हें पेन से कागज पर लिखकर संदेश भेजूंगा. शारीरिक अवस्थाएं मेरी पेन है और समय मेरा दूत. जब तुम्हारे बाल सफेद हो गए थे वह पहला संकेत था.

शारीरिक अवस्थाएं मेरी पेन है और समय मेरा दूत. जब तुम्हारे बाल सफेद हो गए थे वह पहला संकेत था.

जब तुम्हारे सारे दांत टूट गए, वह मेरा दूसरा संकेत था. तीसरा संकेत जब तुमने अपनी दृष्टि खो दी और चौथा संदेश था- जब तुम्हारे शरीर के सभी अंगों ने काम करना बंद कर दिया. लेकिन तुम इनमें से किसी संकेत को समझ न सके.

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