यूपी के नोएडा में पकड़ाए धर्मांतरण रैकेट केस में गिरफ्तार मौलानाओं ने पूछताछ में कई राज उगल दिए हैं. इस मामले में गिरफ्तार इस्लामिक दावा सेंटर के मौलानाओं ने कबूला है कि उन्होंने लालच देकर लोगों का धर्म परिवर्तन करवाया. साथ ही एंटी टेररिज्म स्क्वॉड (एटीएस) को जांच में ये भी पता चला है कि ये लोग धर्म परिवर्तन कराकर कुछ बच्चों को विदेश भी भेज देते थे.
धर्मांतरण रैकेट केस में एटीएस ने मोहम्मद उमर गौतम और मौलाना मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी को गिरफ्तार किया गया है. उमर गौतम ने दिल्ली के जामिया नगर में इस्लामिक दावा सेंटर (आईडीसी) नाम से एक ऑफिस भी खोल रखा था और यहीं से धर्मांतरण का ये सारा खेल खेला जाता था.
जानकारी के मुताबिक, धर्म परिवर्तन कराने वाले उमर गौतम और जहांगीर कासमी को रिमांड को लेकर जब एटीएस ने पूछताछ की तो इन्होंने लालच देकर धर्म परिवर्तन कराने की बात कबूल की है. इन्होंने ये भी कबूला कि अकेले यूपी में ही 122 से ज्यादा लोगों को मुस्लिम में कन्वर्ट कर दिया गया, जबकि 400 से ज्यादा के ऊपर के लोगों की पहचान की गई थी, जिनका धर्म परिवर्तन कराने की तैयारी चल रही थी.
यूपी के प्रमुख सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया कि जिन 122 लोगों का धर्मांतरण कराया गया है, इंटेलिजेंस उनकी रिपोर्ट तैयार कर रही है और उनकी डिटेल खंगाल रही है. उन्होंने ये भी बताया कि एटीएस को 1 हजार से ज्यादा लोगों का धर्मांतरण कराने की जानकारी मिली है. इसके लिए दूसरे राज्यों की पुलिस से भी जानकारी साझा की जा रही है और उनकी मदद भी ली जा रही है. उन्होंने ये भी कहा कि जांच में विदेशी फंडिंग के भी पक्के सबूत मिले हैं.
अवनीश अवस्थी ने बताया कि जांच में पता चला है कि नोएडा डेफ सोसायटी, इस्लामिक दावा सेंटर से जुड़ी हुई थी और धर्मांतरण के लिए डेफ सोसायटी को अच्छी-खासी रकम भी मिल रही थी. उन्होंने बताया कि नोएडा डेफ सोसायटी की नींव 15 जून 2005 को रखी गई थी और 15 जून को इसकी 16वीं वर्षगांठ पर एक शानदार पार्टी आयोजित की गई थी. इस पार्टी में कौन-कौन लोग शामिल हुए थे, इस बात का पता लगाया जा रहा है. साथ ही ये भी पता चला है कि दूसरे देशों के लोग भी इस संस्था से जुड़े हुए थे. ये भी सामने आया है कि इस्लामिक दावा सेंटर विदेशों में जाकर भी धर्मांतरण करवाती थी. इतना ही नहीं, कई बच्चों को धर्मांतरण कर विदेश भेजे जाने की आशंका है.