अन्तर्राष्ट्रीय

म्यांमार में मतदानः सैन्य शासन के बदले आ सकता है लोकतंत्र

दस्तक टाइम्स/एजेंसी :

Myanmar opposition leader Aung San Suu Kyi speaks during a meeting of her National League for Democracy Party's first Central Executive Committee at Royal Rose restaurant  in Yangon, Myanmar Saturday, June 20, 2015. Suu Kyi told her party's senior members Saturday that this year's general election could be delayed if there is any instability in the country. (AP Photo/Khin Maung Win)

यंगून : म्यांमार में रविवार को होने जा रहे चुनाव के लिए तैयारियां चरम पर हैं और दशकों के सैन्य शासन के गवाह रहे इस देश में इन ऐतिहासिक चुनावों में लोकतंत्र समर्थक विपक्षी नेता आंग सान सू ची की पार्टी सत्ता में आ सकती है। देश की एक पीढ़ी के लिए तो यह पहले चुनाव हैं।

 अटकलें हैं कि सू ची की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी संसद में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर सकती है और इस चुनाव का परिणाम म्यांमार के राजनीतिक परिदृश्य को बदल सकता है। देश पर आजादी के बाद से सैन्य शासन का वर्चस्व रहा है। वर्ष 2011 में जुंटा का शासन समाप्त होने के बाद सुधारों का नेतृत्व करने वाले, राष्ट्रपति थीन सीन ने कहा है कि उनकी सरकार और शक्तिशाली सेना चुनाव के परिणाम का सम्मान करेंगे।

गरीबी की समस्या से परेशान देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों ने पहली बार मतदाता सूचियों का कम्प्यूटरीकरण किया है। थीन सीन ने जनता से अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने का आग्रह किया है। इन चुनावों को सुधारों पर जनमत संग्रह भी कहा जा रहा है। बहरहाल, पश्चिमी राखीने राज्य में हजारों मूल निवासी रोहिंग्या मुसलमानों को मताधिकार से वंचित कर दिया गया है, जिसका मतलब है कि कुछ क्षेत्रों में मतदान नहीं होगा।

 

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