यथांश बना गूगल की गलतियां निकालने में श्रेष्ठ-जयपुर
एजेन्सी/ जयपुर में ग्यारहवीं कक्षा के छात्र यथांश कुलश्रेष्ठ ने विश्व के किशोरों की शीर्ष गूगल कोड इन प्रतियोगिता में जीत हासिल की है । यथांश कुलश्रेष्ठ जयपुर के जयश्री पेरीवाल इंटरनेशनल स्कूल का छात्र है। पिछले सात वर्षों में यह सफलता प्राप्त करने वाले पूरे देश से चुने जाने वाले कुछ छात्रों में से एक हैं और राजस्थान राज्य से गौरवपूर्ण उपलब्धि प्राप्त करने वाले यह प्रथम छात्र है।उन्हें यह पुरस्कार प्राप्त करने के लिये माउंटेन व्यू कैलिफ़ोर्निया यूएसए में स्थित गूगल मुख्यालय पर जून 2016 में आमंत्रित किया गया है । प्रतियोगिता के परिणामों को 8 फऱवरी 2016 को गूगल ब्लॉग पर घोषित किया गया है ।
यह उल्लेखनीय उपलब्धि यथांश की कुशलता ताकत और साहसी कार्यों को निर्धारित समय सीमा में पूरा करने की योग्यता को दर्शाती है। उपलब्धि पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए यथांश काफ़ी उत्साहित थे । उन्होंने कहा मेरा हमेशा यह सपना रहा है और उम्मीद करता हूँ कि गूगल मुख्यालय की यात्रा बहुत प्रेरणादायक होगी ।
गूगल कोड विश्वविद्यालय पूर्व के छात्रों के लिये विभिन्न प्रकार के योगदानों की एक वैश्विक प्रतियोगिता है जोकि ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर डवलपमेंट को संभव बनाता है । 49 दिनों तक चलने वाली इस प्रतियोगिता का आरंभ 7 दिसंबर 2015 को हुआ और 25 जनवरी 2016 को समाप्ति हुई । 98 देशो के करीब 2700 छात्रों ने कंप्यूटर साइंस की इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया ।
प्रतिभागियों को गूगल अनुमोदित किसी एक ओपन सोर्स आर्गेनाईजेशन से जुड़ना होता है और लेखन रिफक्टेरिंग कोड, प्रलेखन, प्रशिक्षण, दूरदर्शिता, अन्वेंषण, गुणवत्ता का आश्वासन, संपर्क द्वारा उपभोक्ता वृद्धि आदि से जुड़े विषयों पर अपनी क्षमता का प्रदर्शन करना होता है। प्रतियोगिता में समस्या का विश्लेषण करना और संभावित समाधानों को सुझाना भी शामिल है और दूसरों को अधिक सीखने में मदद करनी होती है।
अपनी उपलब्धि पर उत्साहित यथांश ने कहा, “मैंने 49 दिनों में 40 कार्यों को पूरा किया है । इन कार्यों में एंड्राइड एप्लीकेशन, वेब एप्लीकेशन, वेबसाइट के लिये डिजाइनिंग होमपेज और कार्यात्मक त्रुटियों का पता लगाना आदि शामिल था । इतने लंबे समय की प्रतियोगिता और 11वी कक्षा की परीक्षाओं की तैयारी के मध्य सामंजस्य बैठाना एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण कार्य था।”
इनके पिता भुवनेश कुलश्रेष्ठ जो भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी है और उनकी माता शिप्रा और छोटा भाई शिवांश भी उनकी इस उपलब्धि पर सामान रूप से उत्साहित हैं । इस युवा प्रतिभा की उपलब्धि केवल कंप्यूटर की कोडिंग और डिकोडिंग तक ही सीमित नहीं है बल्कि यथांश राष्ट्रीय स्तर के बास्केटबॉल खिलाडी भी है और लंबी दूरी की साइकिलिंग के भी शौक़ीन है ।