राष्ट्रीय

‘यदि भारत माता की जय’ से आपका मतलब …है तो मैं भी बोलने को तैयार: मणिशंकर

एजेन्सी/  108417-49103-aiyar-540भोपाल : पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा कि ‘भारत माता की जय’ का मतलब ‘जनता की जय’ है तो मैं भी इसके साथ अपनी आवाज जोड़ने को तैयार हूं।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण शिविर में सम्बोधित करने यहां आये अय्यर ने आज संवाददाताओं से कहा, ‘मुझको इंतजार नहीं करना पड़ा कि कोई खाकी की निकर पहन कर मुझे यह बताये। हम तो बरसों से भारत माता की जय कहते आ रहे हैं, इसके साथ-साथ हम जय हिन्द और जय भारत भी कहते आये हैं।’ उन्होंने पंडित जवाहरलाल नेहरू को याद करते हुए कहा कि नेहरू ने ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ के तीसरे अध्याय में लिखा है कि वह गांव-गांव घूमते थे तो लोग उनका स्वागत भारत माता की जय के नारे से करते थे। नेहरू ने लोगों से पूछा यह जय है क्या ? क्या यह पेड़ है..पहाड़ है या माटी है और अंत में उन्होंने लोगों को बताया कि ‘भारत माता की जय’ अर्थात ‘जनता की जय’ है।

अय्यर ने भाजपा और आरएसएस का नाम लिये बिना कहा, ‘यदि भारत माता की जय’ से आपका मतलब ‘जनता की जय’ है तो मैं भी इसके साथ अपनी आवाज जोड़ने को तैयार हूं।’ उन्होंने सुभाषचंद बोस का स्मरण करते हुए कहा कि बोस ने अपनी फौज का नाम आजाद हिन्द फौज रखा था। उन्होंने अपनी फौज का नाम स्वतंत्र भारत सेना नहीं रखा क्योंकि उनकी सोच थी कि हमारे देश की आबादी का हर फिरका और हर भाषा को स्वतंत्रता आंदोलन से जोड़ना है।

अय्यर ने कहा, ‘ये गुंडे मुझसे कहें कि तुमने भारत माता की जय नहीं कहा तो मैं तुझे मारूंगा, तेरा गला काटूंगा। यह किस प्रकार की देशभक्ति है। देशभक्त हो तो दिखायें कि ये जनता भक्त हैं और जनता भक्त होने के लिये रास्ता है पंचायती राज के जरिये उनको सशक्त बनाइयें जिनकी खातिर ये सारी योजनाएं चल रही हैं।’’ कांग्रेस नेता ने मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार पर प्रदेश में ग्राम पंचायतों की अहमियत कम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि ग्राम पंचायत केवल अधिकारी और सरपंच चला रहे हैं। पंचायतों के अधिकार छीने जा रहे हैं तथा पंचायतों तक साधन नहीं पहुंच रहे हैं और अनुशासन कम हो रहा है। उन्होंने कहा कि इससे हमारे लोकतंत्र को चोट पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब राजनीतिक तौर पर पंचायती राज की अहमियत समझ रही हैं और इस पर पूरा ध्यान भी दे रही है। उन्होंने दावा किया कि मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों में यह एक बड़ा मुद्दा बनेगा।

Related Articles

Back to top button