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नई दिल्ली : यमुना को साफ करने के लिए केंद्र सरकार जल्द रेणुका, किशाऊ और लखवर बांध का निर्माण कार्य शुरू करेगी। ताकि, बरसात के वक्त पानी को इकठ्ठा किया जा सके और गर्मियों के मौसम में इन बांध से पानी छोड़कर दिल्ली की जरूरत को पूरा किया जा सके। यमुना नदी के सरंक्षण के लिए एकीकृत योजना भी तैयार की है। सरकार दस वर्ष के अंदर इस लक्ष्य को हासिल करना चाहती है। लोकसभा में जल संसाधन एवं गंगा संरक्षण राज्य मंत्री सांवर लाल जाट ने कहा कि यमुना सहित देश की सभी नदियों को अविरल बनाने के लिए सरकार गंभीर है। सरकार ने इसके लिए कार्य योजना तैयार की है। इसके तहत हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में 942 एमएलडी की परिशोधन क्षमता के सृजन के लिए सरकार ने 1514 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। मशहूर फिल्म अभिनेत्री और सांसद हेमा मालिनी ने वृंदावन में यमुना की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि आने वाली पीढ़ियों को यकीन नहीं आएगा कि यमुना नदी कभी यहां पर बहती थी। इसलिए, सरकार को ठोस कार्ययोजना के तहत सफाई के काम को अंजाम देना चाहिए। कई दूसरे सांसदों ने भी यमुना के साथ नर्मदा और गोदावरी नदियों की सफाई का मुद्दा उठाया।
जल संसाधन राज्यमंत्री ने कहा कि यमुना नदी के संरक्षण के लिए एकीकृत कार्य योजना के तहत नदी तट के साथ बने वर्तमान जलमल परिषोधन संयंत्रों का पुनरुद्धार और नवीनीकरण करना. औद्योगिक प्रदूषण नियंत्रण और यमुना नदी के तट पर स्थित नगरों के लिए अनिवार्य ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना शामिल है। सांवर लाल जाट ने कहा कि यमुना नदी बेसिन के अनुसंधान एवं विकास अध्यनों, जीआईएस आधारित आंकडा तैयार करने और समग्र निगरानी के लिए केंद्र स्थापित किया जाएगा।