यहां की महिलाएं आंचल में छिपाकर जानवर के साथ करते है ये काम…
अजब गजब: पशु-पक्षी हमारे दैनिक जीवन के आवश्यक अंग है. मनुष्य के अंदर पशु-पक्षियों के प्रति संवेदनशीलता एवं लगाव होना जरूरी है. इसकी एक बेमिशाल उदाहरण पेश करती है ब्राजील जनजाति के लोग. दोस्तों आपने जानवरों के प्रति आपने प्रेम और स्नेह के किस्से आपने बहुत सुने होंगे. आज हम आपको एक ऐसे ही एक कहानी के बारे में बताएँगे जिसे जान कर आप अचंभित जरूर हो जायेंगे.
जैसा की राजस्थान में चिंकारा के प्रति लोगों का स्नेह तो आपने देखा होगा लेकिन ब्राजील में एक जगह ऐसी भी है जहां औरतें जानवरों के लिए मां तक बनने से भी पीछे नहीं हटती है. अगर आपको यहाँ पर छोटी छोटी गिलहरियां औरतों के आंचल में छिपकर दूध पीती दिख जाएं तो हैरान मत हो जाना. ये नन्ही सी गिलहरियां इंसानी बच्चो से ज्यादा शरारती और मासूम हैं और छोटे बच्चों की तरह ही स्तनपान करती हैं.
यहाँ पर लोग जानवरों को अपने बच्चे से कम प्यार नहीं करते है. ब्रासिल की इन जनजाती के लोगों को ट्राइब्स कहते है. दोस्तों, ब्राजील का नाम तो आपने काफी सुना होगा लेकिन यहाँ के ट्राइब्स लोगों के बारे में आप ठीक से नहीं जानते होंगे यहाँ के लोगो का रहन-सहन, खान पान और रीती-रिवाज सब अलग है.
ट्राइब्स के लोग जानवरों से पूरी तरह घुल मिल गए है ये लोग जानवरों को अपने परिवार के सदस्य का एक अहम् हिस्सा मानते है, और इसी तरह जानवर भी इंसानो की तरह इन लोगो की पूरी मदद करते है, उनको उच्चे ऊँचे पेड़ो से फल तोड़ कर देते है. इस ट्राइब्स या जनजाती का नाम आवा ( Awa Tribes Brazil )है.
आज से करीब 500 साल पहले इस जनजाती के लोगों की संख्या हजरों में थी जो आज के समय में यह संख्या घट कर महज 500 ही रह गई हैं. आवा जनजाति लोग पूरी तरह जंगल पर निर्भर रहते है. आज जंगलों में पेड़ो के काटने और जंगलों के सिमटने के वजह से इन लोगों को अपनी ही जमीन पर रिफ्यूजी या शरणार्थी की तरह रहने को मजबूर है.