उत्तर प्रदेशलखनऊ

यहां पर सांप के काटने से नहीं होती किसी की मौत

4_8_2016_nagvansh-wnकानपुर। हमारे देश में जहां नागदेवता को पूजा जाता है, वहीं बड़ी संख्या में लोग ऐसे भी हैं जो सांप का नाम सुनते ही सिहर उठते हैं। बहरहाल, उत्तप्रदेश में एक स्थान ऐसा है, जहां सर्पदंत से किसी की मौत नहीं होती। जानकारों का कहना है कि यहां इच्छाधारी नाग-नागिन आते हैं।

कानपुर के पटकापुर इलाके में 200 साल पुराना खेरेपति मंदिर है। यहां हर सोमवार बड़ी संख्या में लोग सांपों को दूध पिलाने के लिए आते हैं। लोग इन सांपों से खेलते भी हैं, क्योंकि ये किसी को डंसते नहीं।

पौराणिक मान्यता है कि यहां सावन के किसी भी सोमवार या नागपंचमी को पूजा करने और सांपों को दूध पिलाने से मनोकामना पूरी होती है। लोगों का यह भी मानना है कि इन दिनों में ही इच्छाधारी नाग-नागिन इस मंदिर में आते हैं।

गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि आज तक किसी सांप ने इस इलाके में किसी भी व्यक्ति को नहीं काटा है। मंदिर के पुजारी का कहना है कि सावन सोमवार को सुबह 4 बजे मंदिर का द्वार खोला जाता है, तो मंदिर में स्थित शेषनाग पर दो फूल रखे हुए होते हैं।

इसी प्रकार का दृश्य नागपंचमी के शुभ अवसर पर भी देखने को मिलता है। पंडित का कहना कि इस प्रकार से प्रति वर्ष होता है, हालांकि मंदिर का द्वार रात 11 बजे मंदिर की अच्छे से सफाई करके बंद कर दिया जाता है परंतु सावन के सोमवार और नागपंचमी को हमेशा से ऐसा ही होता आया है।

 

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