उत्तराखंड सचिवालय में दाखिल हुई एक ‘कार’ सबके आकर्षण का केंद्र थी। कार पर चिपके पोस्टरों पर लिखा था मुझे न्याय दो, इंसाफ दो।ये कार रीटा सूरी की है, जो अधिवक्ता और आरटीआई एक्टिविस्ट राजेश सूरी की बहन है। राजेश सूरी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। उनकी बहन का आरोप है कि उनके भाई की हत्या हुई है और हत्या की सीबीआई जांच की अधिसूचना जारी होने के बावजूद जांच शुरू नहीं पाई।
वे उन कारणों की पड़ताल कर रही हैं जिनकी वजह से उन्हें इंसाफ नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने इस संबंध में राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय तक को पत्र लिखे हैं।
राष्ट्रपति कार्यालय और PMO से जारी हुए हैं कार्रवाई के निर्देश
उनका कहना है कि उनके पत्रों पर राष्ट्रपति कार्यालय और पीएमओ से कार्रवाई के निर्देश भी जारी हुए हैं, लेकिन राज्य सरकार के स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। आरटीआई के जरिए वे इन पत्रों पर कार्रवाई का पता लगा रही हैं।
सोमवार को भी वह कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के जनता मिलन कार्यक्रम में सौंपे गए पत्र के संबंध पर कार्रवाई का पता लगाने के लिए सचिवालय पहुंची थी। इस संबंध में उन्होंने आरटीआई से सूचना मांगी थी, जिस पर आज अपील की सुनवाई थी।
उनका कहना है कि वह मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात कर अपनी समस्या सुनाना चाहती हैं, लेकिन उन्हें मुलाकात का वक्त नहीं दिया जा रहा है।