उत्तराखंडराज्य

यह गुरुजी खेल-खेल में दूर कर रहे गणित की उलझन

देहरादून के रायवाला स्थित राजकीय इंटर कॉलेज में एक शिक्षक की कक्षा चाक और ब्लैक बोर्ड से नहीं चलती, बल्कि कहानी, मॉडल और चित्रों के जरिए कठिन से कठिन प्रश्नों का हल किए जाते हैं।

रायवाला: प्रयोगशाला में गणित के सवालों की उलझन चुटकियों में दूर। इसे संभव कर दिखाया है राजकीय इंटर कॉलेज रायवाला के शिक्षक महावीर प्रसाद सेमवाल की आधुनिक गणित लैब ने। इसमें परंपरागत शिक्षण पद्धति के विपरीत गणित को दैनिक जीवन की गतिविधियों से जोड़कर पढ़ाया जाता है। गुरुजी की कक्षा चाक और ब्लैक बोर्ड से नहीं चलती, बल्कि कहानी, मॉडल और चित्रों के जरिए कठिन से कठिन प्रश्नों का हल यहां आसानी से ढूंढा जाता है। यही नहीं, लैब में विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी तैयार किया जाता है।

राजकीय इंटर कॉलेज रायवाला में गणित शिक्षक महावीर प्रसाद सेमवाल की कक्षा के आने के लिए स्कूल का हर विद्यार्थी उत्साहित रहता है। हो भी क्यों ना, गुरुजी की कक्षा में गणित विषय को रुचिकर ढंग से पढ़ाने के लिए खेलकूद से लेकर दैनिक उपयोग तक की सामग्री, मॉडल, चित्र आदि लगे हैं। छात्रों की कठिनाइयां दूर करने को सेमवाल ने यह आधुनिक गणित लैब तैयार की है।

लैब की खासियत ये है कि इसमें गुणा-भाग, जोड़-घटाना से लेकर अंक गणित, बीज गणित व रेखा गणित के कठिन से कठिन सवालों को दैनिक वस्तुओं, कहानी व खेल गतिविधियों के जरिए हल करना सिखाया जाता है। सवाल हल करने की शॉर्ट ट्रिक के जरिए विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी भी कराई जाती है।सेमवाल बताते हैं कि गणित के कठिन विषय होने का भ्रम अधिकांश विद्यार्थियों के मन मे होता है। खासकर छात्राएं इससे दूरी बनाए रहती हैं। कहानी व दैनिक गतिविधियों के जरिए पढ़ाने से छात्र-छात्राओं के मन का भ्रम दूर हुआ है। यही वजह है कि इस वर्ष माध्यमिक में गणित की कक्षा में 26 छात्राएं भी हैं। वर्ष 2010 से इनकी संख्या हर साल बढ़ी है।

गणित विषय को आसान बनाने के इन प्रयासों से अभिभावकों के साथ ही कॉलेज प्रशासन भी गदगद है। कॉलेज की शिक्षक-अभिभावक एसोसिएशन के अध्यक्ष मेहरबान सिंह कहते हैं कि गणित की लैब में बच्चे रोचक ढंग से शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। फिर सरकारी स्कूल में गणित की लैब भी पहली बार देखने को मिली है। कॉलेज के प्रधानाचार्य एलएस यादव कहते हैं कि शिक्षक महावीर सेमवाल ने गणित को लेकर प्रचलित धारणाएं दूर कर छात्र-छात्राओं को इससे जोड़ा है।

खुद तैयार की यह प्रयोगशाला

सरकारी स्कूलों में माध्यमिक स्तर पर गणित की प्रयोगशाला न होने का खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ता है। 2010 में राइंका रायवाला में गणित शिक्षक के रूप में आए महावीर सेमवाल ने एक कक्ष को विद्यार्थियों की मदद से गणित लैब के रूप में तब्दील कर दिया। उन्होने स्वयं के प्रयास से संसाधन जुटाए। साथ ही विद्यार्थियों की मदद से विभिन्न प्रकार के मॉडल तैयार किए। इसके लिए वेस्ट मैटेरियल, गत्ता, लकड़ी, ईंट, टाइल के टुकड़े, कंचे, चार्ट पेपर व दैनिक उपयोग की वस्तुओं की मदद ली गई। प्रयोगशाला में एक हजार से अधिक प्रकार के मॉडल व गणित के उपकरण हैं।

नक्षत्र वाटिका से गणित का ज्ञान

गणित का हमारे दैनिक जीवन और अन्य विषयों से किस प्रकार संबंध है, इसे समझाने के लिए स्कूल में नक्षत्र वाटिका तैयार की गई है। इसके जरिए विद्यार्थियों को नवग्रह, इनकी गति, स्वभाव, दूरी, सूर्य व पृथ्वी के बीच संबंध, दैनिक घूर्णन व भ्रमण, समय अंतराल, दिन व रात का होना आदि का व्यावहारिक ज्ञान कराया जाता है।

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