नागपुर: 1993 मुंबई ब्लास्ट के गुनहगार याकूब मेमन को आज सुबह सात बजे फांसी दी गई। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बुधवार शाम फांसी की याचिका खारिज हो जाने के बाद उसे जेल सुप्रीटेंडेंट योगेश देसाई के सामने कुर्सी पर बैठाया गया। इस दौरान उससे अंतिम इच्छा पूछी गई। तभी याकूब का भाई सुलेमान, चचेरा भाई उस्मान और वकील मुलाकात के लिए आए लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया गया। ये लोग जेल सुप्रीटेंडेंट के कमरे में बैठे थे। तब याकूब कमरे के बाहर ही बैठा था। उसी दौरान याकूब को सुलेमान नजर आया। उसने आवाज देकर कहा कि भाभी राहिना और बच्ची जुबैदा का ख्याल रखना। याकूब के एक साथी कौशल पांडे के अनुसार याकूब के लिए सबसे खुशी का पल वो था जब उसकी बेटी बोर्ड का रिजल्ट सुनाने आई थी वह अपनी बेटी की शादी देखना चाहता था।