याद रखें अर्जुन की यह गुप्त शिक्षा, जिंदगी में नहीं मिलेगी मात
जो ज्ञान आपको आज है और जो उन्नति आप आगे करेंगे, वह सीधा आपके प्रश्न पूछने की योग्यता पर निर्भर करता है। आज जहां लोग महज जवाब पाने के लिए चिंतित रहते हैं, वैदिक संस्कृति में इससे उलट सही प्रश्न पूछने पर जोर दिया जाता था।
हालांकि सही प्रश्न से सही जवाब मिलना महत्वपूर्ण है, पर सबसे पहले सही और प्रासंगिक प्रश्न पूछने पर ध्यान केंद्रित करें। जैसा प्रश्न होगा, वैसा ही आपको जवाब मिलेगा और उसी पर आपका भावी विकास और दिशा निर्भर करती है।
भगवद्गीता कुछ नहीं, बल्कि गुरु (कृष्ण) और शिष्य (अर्जुन) के बीच सवाल-जवाब है। क्या आप पल भर के लिए इसकी कल्पना करेंगे कि इतना महान गुरु होने के बावजूद यदि अर्जुन आत्मबोध से जुड़े अर्थपूर्ण प्रश्न नहीं पूछकर मूर्खतापूर्ण प्रश्न पूछते तो क्या दुनिया के श्रेष्ठ गुरु भी उनकी मदद कर सकते थे?
जिस तरह के प्रश्न व्यक्ति पूछता है, उससे उसकी सोच और भाव की गहराई का पता चलता है। हम किसी शख्स को उनके प्रश्नों के माध्यम से ज्यादा जान और समझ सकते हैं, बजाय उनके जवाबों से।
हम सही प्रश्न करने की कला का उपयोग अपनी शख्सियत बनाने, सफलतापूर्वक बिजनेस चलाने, यहां तक कि अपने पार्टनर के साथ अपने संबंधों को सुधारने में कर सकते हैं। मसलन, यदि आप खुद से यह पूछते हैं कि मैं इतना बदकिस्मत क्यों हूं, जो मुझे ऐसा खराब पार्टनर मिला तो आपके अंतर्मन से इसके लिए कोई ज्यादा अर्थपूर्ण और उपयोगी जवाब नहीं मिलेगा।
इस प्रश्न में कोई खराबी नहीं है, पर आपका सवाल सर्वथा निरर्थक है और निरर्थक सवाल का कभी सार्थक जवाब नहीं मिलेगा। इसकी बजाय यदि आप यह सवाल करें कि मैं अपने पार्टनर के साथ संबंध कैसे सुधार सकता हूं तो आपका दिमाग आपको कुछ सुझाव देगा, जिस पर आप अमल कर सकते हैं।
इसी तरह से मुझे कैसे नए ग्राहक मिल सकते हैं या मैं ज्यादा पॉजिटिव कैसे रह सकता हूं, अपनी आय को कैसे दुगुना करूं, ऐसे सवालों से अर्थपूर्ण जवाब मिलेंगे।
प्रश्न पूछने की योग्यता हममें बेहद कम है। पशु को तो हम प्रश्न पूछते देखते ही नहीं हैं। लेकिन प्रश्न पूछने का सही लाभ केवल तब मिलेगा, जब आप प्रश्न पूछना सीखेंगे, और यही प्रश्न पूछने की कला समस्याएं हल करने में मदद करती है।
नकारात्मकता से भरे प्रश्न या दूसरों पर दोषारोपण वाले सवालों से समस्याएं हल नहीं होंगी। सही प्रश्न पूछने के लिए भले ही आप कुछ सैकंड ज्यादा समय ले लें। तब आप देखेंगे कि आपकी उत्पादकता कई गुना बढ़ गई है।