युवती ने आरटीआई से पूछा-मंगेतर अपराधी तो नहीं!
गाजियाबाद : युवतियां अब शादी से पहले अपने होने वाले जीवनसाथी के बारे में जानने के लिए आरटीआई की मदद ले रही हैं। रिश्ते की बात चलने या सगाई के बाद जरा भी संदेह होता है कि होने वाला जीवनसाथी आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त है तो युवतियां तुरंत आरटीआई लगाकर उनके खिलाफ थाने में पूर्व में दर्ज किसी मामले, मोबाइल नंबर की सीडीआर से लेकर चल-अचल संपत्ति की जानकारी लेने की कोशिश कर रही हैं। ऐसी आरटीआई के जवाब में पुलिस विभाग से जुड़ी जानकारी ही दी जा रही है। इंदिरापुरम थाने में तीन महीने में ऐसे ही सवालों से जुड़ीं 10 से अधिक आरटीआई आ चुकी हैं। साहिबाबाद में भी व्यक्ति विशेष पर दर्ज पुलिस केस की जानकारी के लिए आरटीआई मिली है। सूचना के अधिकार के तहत हर महीने खोड़ा और इंदिरापुरम में 100 से आसपास आरटीआई आ रही हैं। कुछ आरटीआई में व्यक्ति विशेष से जुड़ी जानकारी मांगी जाती है। पुलिस कार्यक्षेत्र में आने वाली जानकारी का आरटीआई के माध्यम से जवाब दिया जाता है। आपराधिक इतिहास पूछने के साथ ही आरटीआई लगाकर युवतियां युवकों की प्रॉपर्टी के बारे में भी सवाल कर रही हैं। युवक जिस फ्लैट में रहता है, वह किराए का है या खुद का, फ्लैट पर लोन है या नहीं आदि सवाल भी पूछे जा रहे हैं, लेकिन पुलिस सिर्फ अपने विभाग से जुड़ी जानकारी ही दे रही है। इंदिरापुरम थाने में हर महीने 50 से 65 आरटीआई आती हैं। इनमें 60 प्रतिशत थाने में दर्ज विभिन्न मुकदमों से जुड़ी होती हैं, जबकि करीब 20 प्रतिशत अन्य तरह के आपराधिक आंकड़ों से जुड़ी होती हैं। वहीं 10 से 15 फीसदी आरटीआई में व्यक्ति विशेष से जुड़ी जानकारी मांगी जा रही है।