अद्धयात्म

यूं ही नहीं करते पीपल की पूजा, इसका भी होता है ये विशेष महत्व

पीपल का वृक्ष हिन्दू धर्म में सबसे पवित्र माना जाता है. मुख्य रूप से इसको भगवान विष्णु का स्वरूप मानते हैं. इसके पत्तों, टहनियों यहां तक कि कोपलों में भी देवी-देवताओं का वास माना जाता है. कहा जाता है कि पीपल के मूल में ब्रह्मा, मध्य में विष्णु और शीर्ष में शिव जी निवास करते हैं.

शाखाओं, पत्तों और फलों में सभी देवताओं का निवास होता है. यह प्राकृतिक और आध्यात्मिक रूप से इतना महत्वपूर्ण है कि भगवान कृष्ण गीता में कहते हैं कि, “वृक्षों में मैं पीपल हूं”. वैज्ञानिक रूप से पीपल इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह बहुत ऑक्सीजन पैदा करता है.

पीपल के वृक्ष से शनि का सम्बन्ध क्या है?

– पीपल के वृक्ष के गुण शनि से काफी मिलते जुलते हैं.

– इसके अलावा पीपल को शनि के ईष्ट श्री कृष्ण का स्वरूप माना जाता है.

– पीपल से सम्बन्ध रखने वाले पिप्पलाद मुनि ने ही शनि को दंड दिया था.

– तबसे माना जाता है कि, पीपल की वृक्ष की पूजा करने से शनि की पीड़ा शांत होती है.

– पीपल के वृक्ष की उपासना किसी भी रूप में करने से शनि कृपा करते हैं.

पीपल की पूजा से शनि की किन किन समस्याओं में लाभ होता है?

– अगर अल्पायु का योग है तो वह योग समाप्त होता है.

– अगर रोग और लम्बी बीमारी का योग है तो वह भी दूर हो जाता है.

– वंश वृद्धि की समस्या और संतान की समस्याओं का निवारण हो जाता है.

– इसको लगाने और संरक्षण करने से शनि की दशाओं का नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता.

पीपल और शनि शान्ति के उपाय-

– संतान प्राप्ति का उपाय.

– एक पीपल का वृक्ष लगवाएं.

– उसमे जल डालें, और उसकी रक्षा करें.

– हर शनिवार को इसके नीचे खड़े होकर शनि मन्त्र का जाप करें.

शनि पीड़ा से मुक्ति के लिए-

– पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल के दीपक हर शनिवार को जलाएं.

– इसके बाद वृक्ष की नौ बार परिक्रमा करें.

– “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का जाप करें.

नियमित धन लाभ के लिए-

– शनिवार को पीपल का एक पत्ता उठा लाएं.

– उस पर सुगंध लगाएं.

– पत्ते को अपने पर्स में रख लें.

– हर महीने पत्ते को बदल लें.

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