यूएपीए विधेयक पारित, पक्ष में 288 व विपक्ष में 8 मत पड़े
नई दिल्ली : संसद में कार्यवाही शुरू होते ही आज विपक्ष ने कश्मीर मध्यस्थता वाले ट्रम्प के बयान पर प्रधानमंत्री से स्पष्टीकरण की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया। इसी शोर-शराबे के बीच गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम संशोधन विधेयक पारित हो गया। इससे पहले रक्षमंत्री राजनाथ सिंह ने ट्रंप के बयान को लेकर प्रधानमंत्री का पक्ष रखा और कहा कि कश्मीर की मध्यस्थता का सवाल ही नहीं उठता, प्रधानमंत्री मोदी व ट्रंप के बीच इस मसले पर कोई वार्ता नहीं हुई है। यूएपीए विधेयक पर मतदान के दौरान सदस्यों को खड़े करा कर मत विभाजन कराया गया।
विधेयक के पक्ष में 288 मत और विपक्ष में 8 मत पड़े। इससे पहले विधेयक पर चर्चा की गई जिसका जवाब गृहमंत्री अमित शाह ने जवाब दिया। वहीं इसे स्टैंडिंग कमेटी को भेजे जाने की मांग पर कांग्रेस ने लोकसभा से वॉक आउट भी किया। गृह मंत्री ने कहा, ‘आतंक के खिलाफ सभी दल एकजुट हो। पाकिस्तान, इजरायल जैसे मुस्लिम देशों में भी आतंक के खिलाफ कड़े कानून हैं।’ उन्होंने कहा, ‘शासन का दायित्व है कि सुरक्षा एजेंसियों को दंतविहीन कानून न दे। आप पूछते हैं आतंकवाद के खिलाफ कठोर कानून क्यों बना रहे हैं? मैं कहता हूं आतंकवाद के खिलाफ कठोर से कठोर कानून होना चाहिए। आतंकवाद बंदूक से पैदा नहीं होता। आतंकवाद उन्माद फैलाने वाले प्रचार से पैदा होता है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘ ये कानून किस सरकार ने बनाया? कौन इसमें संशोधन करके लगातार कठोर बनाता गया? जब यह कानून बना तब वह एक सही कदम था, अब इसमें बदलाव हो रहा है, वह भी एक सही कदम है।’