क्राइम ब्रांच सेक्टर-30 प्रभारी इंस्पेक्टर संदीप मोर ने बताया कि एएसआई अनूप ने 5 जुलाई को एक सूचना के आधार पर अनमोल को एनएचपीसी मेट्रो स्टेशन के पास से गिरफ्तार किया था। उस समय उसके पास से पुलिस ने 100-100 रुपये के 70 नकली बरामद किए थे।
उस समय उसने पुलिस को बताया कि उसे एक युवक चार हजार रुपये में 10 हजार रुपये की गड्डी देकर जाता था। उसे रिमांड पर लेकर पुलिस ने पूछताछ की तो उसने बताया कि वह खुद ही घर में नकली नोट छापता है और फिर उसे बाजार में चलाता है। उसने यूट्यूब पर नोट बनाना सीखा था और फिर प्रिंटर स्कैनर लेकर खुद ही घर में नोट छापने लगा।
अनमोल ने बताया कि नोट छापना शुरू करने से पहले एक एमएनसी में वह कस्टमर एक्जीक्यूटिव था। क्राइम ब्रांच प्रभारी के मुताबिक, अनमोल नोट छापने के बाद शाम को दो से ढाई हजार रुपये के नकली नोट लेकर बदरपुर बॉर्डर पहुंचता था। वह अपनी कार एनएचपीसी मेट्रो स्टेशन की पार्किंग में खड़ी कर देता और फिर ऑटो में सवार हो जाता था।
ऑटो चालक को किराए के 10 रुपये देने को 100 रुपये की नोट देता और ऑटो चालक से 90 रुपये वापस ले लेता। इसी तरह चाय, केला, पानी की बोतल आदि खरीदने के लिए वह नकली नोट चलाता था। रात के समय सौ रुपये के नोट पर कोई इतना ध्यान नहीं देता था।
फरीदाबाद के अलावा उसने दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम आदि शहरों में वह इस तरह से नकली नोट चला चुका है। पुलिस उससे पूछताछ करने में जुटी है कि इस गोरखधंधे में उसके साथ कोई और तो नहीं था या फिर वो किसी को नोट बेचता तो नहीं था।