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यूपी: अब महंगा होगा सिनेमा हॉल में फिल्म देखना
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प्रदेश में फिल्मों की शूटिंग को बढ़ावा देने के मकसद से बनाए गए फिल्म बंधु के तहत निर्माताओं को सब्सिडी दी जाती है। इसका भुगतान फिल्म डवलपमेंट फंड में जमा रकम से ही होता है।
फिल्म ‘तेवर’, ‘जांनिसार’, ‘बुलेट राजा’, ‘डेढ़ इश्किया’, ‘दोजख : इन सर्च ऑफ हैवन’ को सब्सिडी दी जा चुकी है।
जानिए आपके टिकट के पैसे का हिसाब
मनोरंजन कर विभाग हर टिकट पर 40 प्रतिशत मनोरंजन कर वसूलता है। मसलन, यदि टिकट की दर 100 रुपये है तो 40 रुपये सीधे मनोरंजन कर विभाग के खाते में चले जाते हैं। इसके अलावा 50 पैसे एफडीएफ में जाते हैं।
डेढ़ से दो रुपये मेंटेनेंस शुल्क पर खर्च होते हैं। बची हुई रकम का बंटवारा सिनेमा मालिक और फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर में होता है। टिकट की दर तय सिनेमाघर मालिक तय करते हैं।
प्रदेश में सिनेमाघर
प्रदेश–लखनऊ
सिंगल स्क्रीन थिएटर–330–8
मल्टीप्लेक्स–60 (करीब 200 स्क्रीन)–6
फिल्म बंधु के अध्यक्ष नवीन सहगल का कहना है कि पिछले करीब 15 वर्षों से फिल्म डवलपमेंट फंड में जमा होने वाला चार्ज नहीं बढ़ाया गया है। इसे 50 पैसे से बढ़ाकर दो रुपये करने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है, ताकि इस मद में आई राशि फिल्मों की शूटिंग को बढ़ावा देने पर खर्च की जा सके।