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यूपी की स्वास्थ्य सेवाओं में काफी सुधार की जरूरत: स्वास्थ्य मंत्री

लखनऊ। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्वार्थ नाथ सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में नवीन स्वास्थ्य ईकाइयों के निर्माण से पूर्व मौजूदा स्वास्थ्य ईकाइयों को मानक के अनुरूप सुसज्जित करना सरकार की प्राथमिकता रहेगी। उन्होंने कहा कि समाज के अन्तिम व्यक्ति तक उत्तम स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए सरकार कृत संकल्पित है। इस दिशा में देश में उपलब्ध उच्चतम तकनीकी का प्रयोग किया जाएगा। इस सोच को मूर्तरूप देने के लिए देश के अग्रणी चिकित्सा संस्थानों अपोलो, मेदान्ता आदि का सहयोग भी लिया जाएगा। सिंह ने गुरूवार को यहां एक में चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा आबजर्बर रिसर्च फाउन्डेशन (ओआरएफ) के संयुक्त तत्वाधान में राज्य की स्वास्थ्य नीति तैयार करने के लिए उत्तर प्रदेश में लोक स्वास्थ्य-चुनौतियां एवं समाधानश् विषयक कार्यशाला के समापन सत्र में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में काफी सुधार की आवश्यकता है। राज्य सरकार इस दिशा में काफी गम्भीरता से कार्य कर रही है। जल्द ही प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में अमूल-चूल परिवर्तन देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि पूर्व में घोटालों की वजह से स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर बहुत गिरा है और इसकी सीधा प्रभाव आमजनता पर हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकारी चिकित्सालयों में निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हैं। इसलिए सरकारी अस्पतालों में करीब 11 करोड़ लोग इलाज के लिए आते हैं। इनकों बेहतर निःशुल्क चिकित्सा सुविधा मुहैय्या कराना सरकार प्राथमिकता में शामिल है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 25 मई से शुरू हुए तथा तीन सप्ताह तक चले जेई टीकाकरण अभियान में 103 प्रतिशत की एतिहासिक सफलता हासिल हुई है। पी0पी0पी0 माडल पर सरकारी चिकित्सालयों में लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की कार्यवाही की जा रही है। टेलीमेडिसिन और टेलीपैथालाजी के माध्यम से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले व्यक्यिों को विशेषज्ञ डाक्टरों के माध्यम से उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं मुहै्या कराई जाएंगी। उन्होंने कहा कि चिकित्सक ग्रामीण क्षेत्रों तथा महानगरों के अलावा अन्य जनपदों में जाने को तैयार नही होते, इसके लिए नई ट्रांसफर पालिसी भी लाई जा रही है। इस पालिस से जहां भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा, वहीं चिकित्सालयों में डाक्टरों की उपलब्धता भी सुनिश्चित होगी। कार्यशाला का उदघाटन करते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य (राज्यमंत्री) डॉ. महेन्द्र सिंह समाज में चिकित्सकों की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि मजबूत राष्ट्र के लिए स्वस्थ्य नागरिक होना बहुत जरूरी है। जितना पैसा लोग अपने खान-पान पर खर्च करते हैं, उससे कहीं ज्यादा अपने इलाज पर भी व्यय करते हैं। क्योंकि लोगों की दिन चर्या बहुत खराब हो रही है। इसी वजह से अस्पतालों पर भी बोझ बढ़ रहा है। इसके लिए पीने का पानी सबसे बड़ी समस्या है। स्वच्छ जल और प्रदूषण मुक्त वातावरण मुहैया कराना सबसे बड़ी चुनौती है। प्रदेश सरकार इस दिशा में भी गम्भीरता से कार्य रही है।  

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