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यूपी कैबिनेट का बड़ा फैसला, लखनऊ से बलिया तक छह लेन का एक्सप्रेस-वे

akhilesh-yadav_landscape_1458107177यूपी सरकार ने लखनऊ से बलिया तक बनने वाले एक्सप्रेस-वे का नाम समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे करने और इसे इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेन्ट एंड कंस्ट्रक्शंस (ईपीसी) पद्धति से बनाने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता वाली प्रदेश कैबिनेट ने बुधवार को इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी।

348.1 किमी लंबा यह एक्सप्रेस-वे सिक्स लेन का होगा और इस पर 19437.73 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। भविष्य में इसका दो लेन का विस्तार भी किया जा सकेगा। यह एक्सप्रेस वे अवध के छह जिलों से होकर गजरेगा। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे भी ईपीसी मोड से बन रहा है। इस पर सरकार टोल टैक्स भी वसूलेगी।

कैबिनेट ने परियोजना का स्वामित्व एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) को देने और इसके क्रियान्वयन के लिए इसे नोडल एजेंसी नामित करने को भी मंजूरी दे दी है।

शासन स्तर पर पूर्व में पीपीपी परियोजनाओं के लिए गठित समितियां ही परियोजना के क्रियान्वयन के लिए जरूरी निर्णय लेंगी। यूपीडा का तकनीकी सेल व परियोजना के लिए चयनित अथॉरिटी इंजीनियर आपसी सामंजस्य से परियोजना की गुणवत्ता के लिए जिम्मेदार होंगे।

इस तरह होगा बजट का इंतजाम

इस एक्सप्रेस-वे का विकास व निर्माण ईपीसी मोड से होगा। इसके लिए रकम की व्यवस्था राज्य सरकार के बजट से होगी। सरकार अन्य स्रोतों से ऋण से भी पैसे के बंदोबस्त का प्रयास करेगी।

650 किमी लंबा हो जाएगा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे
बलिया तक प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस से मिलने पर आगरा से बलिया आपस में जुड़ जाएंगे। इससे ग्रीनफील्ड एक्स्प्रेस-वे 650 किमी लंबा हो जाएगा।

10 जिलों को जोड़ेगा एक्सप्रेस-वे
लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, फैजाबाद, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर व बलिया।

गांवों के विकास के लिए आई स्पर्श योजना मंजूर

कैबिनेट की बैठक में ‘आई स्पर्श’ योजना को मंजूरी दे दी गई। बजट में इसकी घोषणा की गई थी। प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी योजना और सांसद आदर्श ग्राम योजना के जवाब में यह योजना लॉन्च की है।

‘आई स्पर्श’ यानी इनिशिएटिव ऑफ समाजवादी पार्टी एंड अखिलेश यादव रूरल सस्टेनेबल होम्स का मकसद चयनित गांवों को हर तरह की सुविधा से लैस करके उन्हें स्मार्ट बनाना है। इसके लिए 2016-17 के लिए 300 करोड़ रुपये को मंजूरी दी गई है।

जनेश्वर मिश्र योजना के तहत चयनित गांवों को इस योजना से विकसित किया जाएगा। फिलहाल यह योजना मार्च 2017 तक के लिए ही लाई गई है। इसके परिणामों के आधार पर इसे आगे चलाने पर विचार किया जाएगा।

ये काम होंगे
योजना के तहत हर जिले में चयनित गांवों में राज्य सरकार की सभी योजनाओं का क्रियान्वयन तय समय सीमा में कराया जाएगा। हर गांव में लगभग पांच करोड़ रुपये से विकास कार्य कराने की योजना है।

चयनित गांवों में बुनियादी सुविधाओं जैसे सड़क, बिजली, पेयजल, सफाई, आवास के अलावा सामाजिक सुरक्षा संबंधी योजनाओं का भी तय समय में क्रियान्वयन सुनिश्चित कराया जाएगा।

आईटी व स्टार्ट अप नीति-2016 को मिली मंजूरी

प्रदेश कैबिनेट ने सूबे की आईटी व इलेक्ट्रॉनिक्स नीति-2012 में बदलाव करते हुए आईटी एवं स्टार्ट-अप नीति-2016 को मंजूरी दे दी है।

इसमें इलेक्ट्रॉनिक व मोबाइल गवर्नेंस (ई व एम गवर्नेंस) को माध्यम बनाते हुए नागरिक सेवाओं में वृद्धि व स्टार्ट अप के जरिये नवोदित उद्यमियों को प्रोत्साहन देकर रोजगार बढ़ाने पर जोर है। स्टार्ट अप को बढ़ावा देने के लिए 100 करोड़ का फंड बनाया जाएगा।

सरकार ने आईटी एवं स्टार्ट-अप नीति में शिक्षित युवाओं को नए विचारों के साथ इंडस्ट्री सेक्टर में आने की राह दिखाई है। नई नीति नोएडा, ग्रेटर नोएडा व ट्रांस यमुना क्षेत्र सहित पूरे प्रदेश में लागू होगी। आईटी व आईटी से जुड़ी सेवा इकाइयों को 31 मार्च 2020 तक कई महत्वपूर्ण प्रोत्साहन मिलेंगे।

कैबिनेट ने इन प्रोत्साहन प्रस्तावों पर भी मुहर लगा दी है। स्टार्ट अप को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने 100 करोड़ से एक सीड फंड बनाने का फैसला किया है। इससे सेबी अनुमोदित संस्थाओं या प्रदेश व केंद्र अनुमोदित संस्थाओं के जरिये मदद दी जाएगी। सरकार आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर सेट-अप के लिए 25 लाख की अधिकतम सीमा तक अनुदान देगी।

दो लाख रुपये पर रख सकेंगे कंसल्टेंट

यदि इससे अधिक रकम की जरूरत होगी तो इसके लिए अलग से आवेदन करना होगा जिसका केस टू केस आधार पर परीक्षण कर मंजूरी दी जाएगी। चयनित इन्क्यूबेटर्स मानदेय के आधार पर दो लाख रुपये के वार्षिक भुगतान पर दो कंसल्टेंट रख सकेंगे।

इन्क्यूबेटर्स को शुरुआती खर्च पर नुकसान की भरपाई के लिए पांच साल तक पांच लाख रुपये प्रतिवर्ष की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

जो स्टार्ट अप चयनित होंगे उन्हें एक साल तक 15 हजार रुपये प्रतिमाह भरण-पोषण भत्ता मिलेगा। इसके अलावा स्टार्ट अप जब 25 प्रतिशत वित्तीय सहायता प्राप्त कर लेंगे तो सरकार उन्हें उत्पाद को मार्केट में उतारने के लिए 10 लाख रुपये तक देगी। स्टार्ट अप के प्रोत्साहन के लिए आईटी विभाग नोडल संस्था होगी।

संस्कृत स्कूल-कॉलेजों को भी मिला तोहफा

कैबिनेट ने 29 संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों और महाविद्यालयों को अनुदान सूची पर लेने का फैसला किया है। यह निर्णय शासनादेश जारी होने की तिथि से लागू हो जाएगा। इस मामले में भविष्य में किसी भी तरह के संशोधन के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है।

इस निर्णय से राज्य सरकार पर हर साल करीब 5.17 करोड़ रुपये का व्यय भार बढ़ेगा। इसमें शिक्षक और शिक्षणेतर कर्मचारियों को देय आवास भत्ता और सीसीए का आकलन शामिल नहीं है। ये लाभ शहरों की श्रेणी की अनुसार दिए जाएंगे।

यहां बता दें कि इससे पहले 11 अगस्त, 2015 के शासनादेश से 77 संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों और महाविद्यालयों को अनुदान सूची में लिया गया था।

गाजीपुर में ताड़ी घाट बारा कुम्हार चौसा मार्ग होगा मजबूत

कैबिनेट ने गाजीपुर में ताड़ी घाट बारा कुम्हार, चौसा मार्ग (राज्य मार्ग संख्या-99) कीराइडिंग क्वालिटी के सुधार के काम को मंजूरी दे दी है। इसकी प्रस्तावित लागत 232.4972 करोड़ बताई गई थी, लेकिन व्यय वित्त समिति ने 228.7518 करोड़ रुपये लागत आने की रिपोर्ट दी।

यह गाजीपुर-जमानिया-सैयदराजा राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-24 के किमी 06 से शुरू होकर बिहार के बक्सर को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण अंतरराज्यीय राज्य मार्ग है। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-19 गाजीपुर मार्ग पर उजियार और बक्सर के बीच वीर कुंवर सिंह गंगा सेतु के क्षतिग्रस्त हो जाने से भारी वाहनों की आवाजाही बंद है।

इसके चलते बिहार से आने वाले कोर्स सैंड और झारखंड से आने वाला कोयला, स्टील और सीमेंट आदि के लिए इसी राज्यमार्ग का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसे देखते हुए राज्यमार्ग संख्या-99 की गुणवत्ता में सुधार जरूरी है।

मंडावर-बालावाली मार्ग होगा दो लेन
बिजनौर में मंडावर-दयालवाला-बालावाली मार्ग (अन्य जिला मार्ग संख्या-29) को दो लेन करने के प्रस्ताव को भी कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। इस मार्ग के किमी 21 पर बिजनौर में स्थित बालावाली के पास गंगा नदी पर 910.65 मीटर स्पान के पुल का भी निर्माण किया जा रहा है।

खत्म किया अंग्रेज जमाने का स्टोर पर्चेज रूल

प्रदेश कैबिनेट ने सरकारी विभागों में सामान खरीद के लिए अंग्रेज जमाने में बनाए गए स्टोर पर्चेज रूल-1935 के स्थान पर यूपी प्रोक्योरमेंट मैनुअल-2016 (प्रोक्योरेमेंट ऑफ गुड्स) को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ‘अमर उजाला’ के एमएसएमई कॉन्क्लेव में नई एमएसएमई नीति लाने का एलान किया था।

81 साल पहले बनाए गए स्टोर पर्चेज रूल के स्थान पर बनाए गए नए मैनुअल को भारतीय संविधान, अंतर्राष्ट्रीय स्तर की एजेंसियों व विभिन्न राज्यों में लागू खरीद प्रक्रिया के अध्ययन के बाद तैयार किया गया है।

केरल व राजस्थान की प्रोक्योरेमेंट व्यवस्था, यूपी फाइनेंसियल हैंडबुक, डायरेक्टर जनरल सप्लाइज एंड डिस्पोजल्स के मैनुअल व स्टोर पर्चेज रूल्स का खास अध्ययन किया गया। 24 अध्याय में इसे तैयार किया गया है। इसमें सार्वजनिक खरीद प्रक्रिया का विस्तार से उल्लेख है। इससे खरीद व्यवस्था पारदर्शिता के साथ आसानी से तय समय में संपन्न की जा सकती है।

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इस मैनुअल के क्रियान्वयन से न केवल प्रदेश के उद्योगों में प्रतिस्पर्धा व गुणवत्ता को बढ़ावा मिलेगा बल्कि सरकारी खरीद में मितव्ययिता भी बढ़ेगी।

 पिछड़े वर्ग के छात्रों को अब 2250 रुपये सालाना छात्रवृत्ति
पिछड़े वर्ग के कक्षा 9 और 10 के छात्रों को भी अब अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों की तरह 2250 रुपये सालाना छात्रवृत्ति मिलेगी। कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।

छात्रवृत्ति के लिए अभिभावकों की आय सीमा भी बढ़ाकर दो लाख रुपये सालाना कर दी गई है। अभी तक इन कक्षाओं के पिछड़े वर्ग के उन्हीं छात्रों को वजीफा दिया जाता था, जिनकी सालाना आमदनी 30 हजार रुपये से ज्यादा नहीं थी।

जुलाई में पांच करोड़ पौधे रोपकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाएगा यूपी
वन विभाग आगामी जुलाई में किसी एक दिन पांच करोड़ पौधे रोपकर विश्व रिकॉर्ड बनाएगा। इस प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी।

ग्रीन यूपी-क्लीन यूपी के तहत वन विभाग 10 हजार स्थानों पर एक दिन में पांच करोड़ पौधे रोपेगा, जबकि बरसात के मौसम में एक करोड़ पौधे अन्य विभाग लगाएंगे। पौधे रोपने के लिए गड्ढा खुदान और अन्य कामों की मॉनिटरिंग राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्थाओं से कराई जाएगी।

सेनानियों को अब प्रतिमाह 15 हजार रुपये सम्मान राशि

राज्य सरकार ने लोकतंत्र सेनानियों (आपातकाल में मीसा व डीआईआर के तहत जेल जाने वाले राजनैतिक बंदियों) की सम्मान राशि 10 हजार से बढ़ाकर 15 हजार रुपये प्रतिमाह कर दी है।

कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसके अलावा उन्हें सरकारी बसों व अस्पतालों में भी मुफ्त सफर और इलाज की सुविधा मिलेगी। सेनानी की मृत्यु होने की दशा में उसकी पत्नी अथवा पुत्री को यह पेंशन हासिल होगी।

सरकार ने कुछ अरसा पहले लोकतंत्र सेनानियों को सम्मान राशि दिए जाने के शासनादेश को विधेयक में बदल दिया था, क्योंकि बसपा राज के दौरान इन सेनानियों की सम्मान राशि व सुविधाओं को बंद कर दिया गया था। बाद में जब सपा सरकार सत्ता में आई तो इसे फिर से लागू कर दिया गया। अब कानून बन जाने के बाद इसे फिर बंद नहीं किया जा सकता है।

अखिलेश यादव सरकार ने इन सेनानियों को वर्ष 2012 में 3000 रुपये और फिर 2014 में छह हजार रुपये की सम्मान राशि दिए जाने का फैसला किया था। वर्ष 2015 में इसे बढ़ाकर दस हजार कर दिया गया था और अब 15 हजार रुपये प्रतिमाह किया गया है।

 

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