कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने यूपी में किसी प्रकार गठबंधन हो इसे लेकर विधायकों का मन टटोला है। बारी-बारी विधायकों के कंधे पर हाथ रखकर उनसे भविष्य की रणनीति, चुनौती और समाजवादी पार्टी के घर के मची घमासान पर अब क्या होगा के सवाल का उत्तर जानने की कोशिश की। करीब ढाई घंटे की मशक्कत के बाद ये साफ है कि कांग्रेस कतई नहीं चाहती कि धर्मनिरपेक्ष ताकतें कमजोर दिखें। राहुल ने सभी वर्तमान विधायकों को टिकट का आश्वासन देकर अपने-अपने क्षेत्रों में जुट जाने को कहा है।
यूपी में कांग्रेस के शेष 20 विधायकों में अखिलेश सिंह और अनुग्रह नारायण सिंह को छोड़कर सब मौजूद थे। अनुग्रह नारायण दो दिन पूर्व राहुल से मिलकर गए थे लिहाजा उन्हें छूट थी। अखिलेश अपने इलाके के कार्यक्रम में व्यस्त थे। विधायकों के राहुल गांधी के आवास पर जाने से पूर्व प्रदेश प्रभारी गुलाम नबी आजाद के घर पर रिहर्सल बैठक भी हुई। राहुल के आवास पर प्रभारी आजाद के अलावा प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर भी मौजूद थे।
राहुल ने सभी विधायकों से अलग अलग उनके विचार जाने और अपनी बात भी सामने रखी। बताते हैं कि अधिकतर विधायकों की भी राय है कि अकेले दम फिलहाल राज्य की सत्ता में वापसी नहीं हो सकती है लिहाजा गठबंधन तो किया जाए लेकिन सत्ता में भागीदारी भी हो। हालांकि कुछ विधायक गठबंधन के खिलाफ भी बताए जा रहे हैं।
कांग्रेस विधान मंडल दल के नेता प्रदीप माथुर ने बताया कि राहुल जी ने किसान महायात्रा का फीडबैक लिया और विधानसभा चुनाव को लेकर कड़ी मेहनत करने को कहा है। उन्होंने राजनीतिक हालातों पर भी विधायकों की राय जानी। वरिष्ठ विधायक अजय कपूर ने बताया राज्य में जो हालात हैं उसके आगे की रणनीति पर बात हुई। गठबंधन पर कोई बात नहीं हुई। उन्होंने अभी यात्रा खत्म की है आगे क्या करना है पर बात हुई। गठबंधन करना हमारे नेता का काम है हमसे इस बारे में बात नहीं हुई।