उत्तर प्रदेशलखनऊ

यूपी में बारिश न होने से बढे़ सूखे के आसार,मची त्राहि-त्राहि

दस्तक टाइम्स / एजेंसी
barisलखनऊः उत्तर प्रदेश में बारिश की कमी की वजह से मची त्राहि-त्राहि के बीच राज्य में सूखे के आसार बढ गये हैं। बारिश नहीं होने और चिलचिलाती धूप की वजह से धान की रोपाई भी पूरी नहीं हो सकी है। किसान परेशान हैं। अन्य फसल सूखने की कगार पर है। आधिकारिक सूत्रों ने आज बताया कि सूबे में 19 जिले ऐसे हैं, जहां इस मौसम में बारिश नाममात्र को हुई है, जबकि 34 जिलों में बारिश बहुत ही कम हुई है।उन्होंने बताया कि 18 जिलों में बारिश कम हुई है।राज्य के कुल 75 जिलों में एक ही जिला ऐसा है जहां औसत से ज्यादा वर्षा रिकार्ड की गयी है, जबकि तीन जिलों में सामान्य वर्षा हुई है। उन्होंने कहा कि बारिश के सबन्ध में जून से कल तक के आंकडों के अनुसार केवल बहराइच जिले में औसत से अधिक 103. 5 फीसदी बारिश हुई है जबकि लखीमपुर खीरी में 82 प्रतिशत वर्षा रिकार्ड की गई।
सूत्रों ने बताया कि बारिश की कमी की वजह से ताल- तलैया सूख रहे हैं। बिजली की किल्लत की वजह से नलकूप नहीं चल पा रहे हैं। किसान पपिंग सेट के सहारे किसी तरह धान की रोपाई तो कर ले रहे हैं लेकिन पौधे को जीवित रख पाना उनके लिए मुश्किल हो रहा है। बाराबंकी के जैदपुर इलाके के माने -जाने किसान राम सुमेर वर्मा का कहना है कि यदि 3- 4 दिनों में तेज बारिश नहीं हुई तो किसान बर्बाद हो जाएगा। उसकी फसले सूख जायेंगी। वह कर्ज में डूबेगा और यहां तक कि वह आत्महत्या को मजबूर हो सकता है।सूत्रों ने बताया कि 26 जिलों में 40 से 60 फीसदी और 23 जिलों में 60 से 80 फीसदी बारिश हुई है। उन्होंने बताया कि कल तक के बारिश के आंकडों को देखते हुए सूखे की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता, लेकिन सूखे से प्रभावित होने वाले संभावित जिलों की सूची बननी अभी तैयार नहीं हुई है, हालांकि जिलों से सूचनाएं एकत्रित करनी शुरु कर दी गयी हैं। सूबे में पैदा हो रहे सूखे के हालात को देखते हुए एहतियाती उपाय भी शुरु कर दिये गये हैं। बिजली और सिंचाई विभाग को खासतौर पर सतर्क रहने के निर्देश दिये गये हैं।सूत्रों का कहना है कि हर हाल में किसानों को उनकी फसल के लिए पर्याप्त सिंचाई की सुविधाएं दिये जाने के निर्देश दिये गये हैं।

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