यूपी में विधानसभा चुनाव के लिए क्या मुलायम और मायावती आएंगे साथ? अटकलें तेज
दस्तक टाइम्स/एजेंसी- लखनऊ: क्या उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव गठबंधन बनाएंगे? भले ही ये दूर की कौड़ी लगे, लेकिन खुद समाजवादी पार्टी के अंदर से ये मांग उठने लगी है। अखिलेश सरकार के एक मंत्री ने कहा कि वो इसके लिए दुआएं कर रहे हैं।
यही नहीं, मुलायम सिंह के भाई राम गोपाल यादव पहले ही कह चुके हैं कि राजनीति में कोई भी स्थाई दोस्त या दुश्मन नहीं होता। उत्तर प्रदेश सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री फरीद महफूज किदवई ने सपा-बसपा गठबंधन के सवाल पर कहा, जरूर बनेगा। इंसाअल्लाह जरूर बनेगा और हम बिहार की तरह यहां भी बीजेपी को शिकस्त देकर अपनी सरकार बनाएंगे।
सियासी हलकों में 2017 में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर अभी से कयास लगाए जाने लगे हैं कि कौन सी पार्टी किसके साथ जा सकती है। कयास लगाए जा रहे हैं कि सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, आरएलडी, वाम दल और अन्य छोटी पार्टियां एक गठबंधन बना सकती हैं।
मुलायम के छोटे भाई और उत्तर प्रदेश सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री शिवपाल यादव का कहना है, ‘ये तो सही है कि जब एक विचारधारा के लोग एक हो जाएं तो उत्तर प्रदेश में भी बहुत अच्छे रिजल्ट आ सकते हैं। लेकिन इस सब पर हमारा राष्ट्रीय नेतृत्व फैसला करेगा।’
सपा और बसपा ने 1993 में साथ मिलकर चुनाव लड़कर साझा सरकार बनाई थी। 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी की आंधी में दोनों पार्टियों का जो हश्र हुआ उससे भी इन दोनों पार्टियों के साथ आने की उम्मीदें बढ़ गई हैं।
2014 लोकसभा चुनाव में हाल
- बीजेपी को 71 सीटें और 42.3% वोट
- सपा को 5 सीटें, 22.2% वोट
- बीएसपी – 0, 19.6% वोट
- बीएसपी+सपा = 41.8% वोट
- बीजेपी से 0.5% कम
- बीजेपी – 71, सपा – 5 और बीएसपी- 0
अखिलेश का महागठबंधन की सम्भावना से इनकार नहीं
बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की जोरदार जीत के बाद उत्तर प्रदेश में भी ऐसा ही गठजोड़ बनाने को लेकर जारी चर्चाओं के बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को कहा कि सूबे में साल 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव में ऐसे महागठबंधन के गठन की सम्भावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
संत कबीर नगर जिले के सेमेरियावां में एक विवाह समारोह में शिरकत करने आए मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से बातचीत में बिहार की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी बीजेपी से मुकाबले के लिए समान विचारों वाले दलों के महागठबंधन की सम्भावना सम्बन्धी सवाल पर कहा, ‘अगले विधानसभा चुनाव में प्रदेश में महागठबंधन के गठन की सम्भावना से इनकार नहीं किया जा सकता।’ हालांकि अखिलेश ने यह स्पष्ट नहीं किया कि उस महागठबंधन में सपा के साथ और कौन-कौन से दल शामिल हो सकते हैं।
गौरतलब है कि बिहार में पुराने प्रतिद्वंद्वियों आरजेडी और जेडीयू के महागठबंधन की जबरदस्त जीत के बाद उत्तर प्रदेश में भी ऐसा ही कोई गठजोड़ बनाने को लेकर चर्चाओं के बीच प्रदेश के राज्यमंत्री फरीद महफूज किदवई ने शनिवार को आगामी विधानसभा चुनाव में सपा और बसपा के महागठबंधन की ख्वाहिश जाहिर करते हुए कहा था कि वह इसके लिए दुआ करते हैं। उन्होंने कहा था कि अगर ये दो दल मिल गए तो बीजेपी की हार तय है।
अखिलेश ने कहा कि बिहार की जनता ने विधानसभा चुनाव में जनादेश के जरिये यह संदेश दिया है कि अब सिर्फ विकास ही एकमात्र मुद्दा है। सपा साल 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव भी विकास के मुद्दे पर लड़ेगी। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि प्रदेश में हाल में हुए पंचायत चुनाव में जनादेश सपा के पक्ष में रहा है।