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यूपी में 350 से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में, गंगा और यमुना खतरे के निशान से ऊपर, सरकार ने जारी किया अलर्ट

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के 21 जिलों के कम से कम 357 गांव, राज्य में भारी बारिश के कारण बाढ़ के पानी से भर गए हैं। बुंदेलखंड क्षेत्र के हमीरपुर और जालुन जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज स्थिति का जायजा लेने के लिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे।

बुंदेलखंड क्षेत्र, जो आमतौर पर सामान्य से कम बारिश के लिए जाना जाता है, यहाँ इस वर्ष कम से कम पांच स्थानों पर यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बहने से सबसे अधिक प्रभावित है। पूर्वी यूपी के गोंडा जिले में रविवार को घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ने से एक प्राथमिक विद्यालय बह गया। अधिकारियों ने बताया कि गंगा तीन जिलों- पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बदायूं और राज्य के पूर्वी हिस्से में गाजीपुर और बलिया में खतरे मे खतरे के निशान के आसपास बह रही है।

बाढ़ से 97 गांव या कुल प्रभावित गांवों का एक तिहाई हिस्सा पूरी तरह जनसम्पर्क से कट गया है। नदियों का जलस्तर बढ़ने को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार ने अलर्ट जारी कर सभी संबंधित अधिकारियों को स्थिति पर कड़ी नजर रखने का आदेश दिया है। आज मुख्यमंत्री के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने की भी उम्मीद है।

बता दें कि “राजस्थान और मध्य प्रदेश से बड़ी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण गंगा नदी का जल स्तर इस समय खतरे के निशान से दो मीटर ऊपर बह रही है। इससे 50 गांवों में बाढ़ आ गई है। अधिकारियों का कहना है कि कम से कम 200 परिवारों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है।

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