यूपी विधानसभा से 100 सीटों पर चुनाव लड़ेगी नीतीश कुमार की पार्टी
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में पूरी तैयारी के साथ उतरने की योजना में है। जदयू मुखिया यूपी की 404 सीटों में से कम से कम 100 पर उम्मीदवार खड़ा करने की योजना में हैं। नीतीश इस योजना के तहत जदयू को बिहार के बाहर यूपी में खड़ा करना चाहते हैं। इन दोनों राज्यों में जदयू के लिए संभावित विकल्प मौजूद हैं।
वैसे तो यूपी की राजनीति में नीतीश कुमार के लिए बहुत मौके नजर नहीं आ रहे हैं। हालांकि सूबे में 6 बैठकें करके उन्होंने अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित किया है। इन 6 बैठकों में से एक नीतीश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में की थी। ‘द हिंदू’ ने इस आशय की खबर प्रकाशित की थी।
आपको बता दें कि 1994 में जब समता पार्टी का अस्तित्व था, तब यूपी में कुर्मी वोटरों और कुछ गैर यादव समुदाय के बीच समता पार्टी की पकड़ थी। इस बीच बिहार की राजनीति में व्यस्त नीतीश कुमार ने 11 साल बिता दिए और यूपी का उनका आधार बिखरता गया।
जदयू के अनुकूल पूर्वी उत्तर प्रदेश का इलाका है, जो बिहार से सटा हुआ है। सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से बंटे इस इलाके में कुर्मी और कुशवाहा समुदाय की बड़ी संख्या है।
यूपी की जनसंख्या के हिसाब से कुर्मियों का प्रतिशत 4.5 है। वहीं गैर-यादवों की संख्या 17.5 प्रतिशत तक पहुंच जाती है, जोकि एक प्रभावशाली आंकड़ा है।
इससे पहले नीतीश कुमार की पार्टी जदयू सोनेलाल पटेल की पार्टी अपना दल के साथ गठबंधन कर चुकी है। हालांकि सोनेलाल पटेल की बेटी और अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल अब मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं।
नीतीश कुमार के एक सहयोगी ने कहा, ‘हमने बीएसपी के पूर्व नेताओं से बातचीत शुरू की है। इनमें बाबू सिंह कुशवाहा और स्वामी प्रसाद मौर्या भी शामिल है। ताकि एक मजबूत गैर-यादव पिछड़ा वर्ग खड़ा किया जा सके।’