
यूपी सरकार निकालेगी तीन लाख नौकरियां

अफसर टीईटी पास याचियों से कह रहे हैं कि अब विभाग में शिक्षक का कोई पद रिक्त नहीं है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से टीईटी पास 68 हजार से अधिक याचियों को नौकरी देने के मामले में विचार करने के निर्देश के बाद भी विभाग पल्ला झाड़ने में लगा है, जबकि आरटीई के अनुसार प्रदेश में लगभग तीन लाख पद खाली हैं।
भारत सरकार की ओर से 2009 में लागू शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) के बाद प्रदेश में विद्यार्थियों एवं शिक्षकों का अनुपात ठीक रखने के लिए प्रदेश के 110376 प्राथमिक विद्यालयों में 486182 शिक्षकों की आवश्यकता है।
अभ्यर्थियों का कहना है कि प्रदेश सरकार नौकरी मांग रहे टीईटी अभ्यर्थियों से पीछा छुड़ाने के लिए कोर्ट को बता रही है कि 1.72 लाख शिक्षामित्रों के समायोजन के बाद उनके पास शिक्षकों के पद खाली नहीं हैं, जबकि शिक्षामित्रों के समायोजन के बाद भी प्राथमिक विद्यालयों में एक लाख से अधिक पद रिक्त हैं।
याचियों का कहना है कि आरटीई लागू होने के बाद सरकार ने बच्चों की आवश्यकता के अनुसार कोई सर्वे नहीं करवाया कि नियमानुसार कितने शिक्षकों की आवश्यकता है। आरटीई के अनुसार शिक्षक एवं छात्रों के बीच अनुपात एक और तीस का होना चाहिए।
बेसिक शिक्षा विभाग सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जिन 68015 अभ्यर्थियों के आवेदन मांगे हैं, उनमें कमी बताकर उन्हें भर्ती प्रक्रिया से बाहर करने की तैयारी कर रहा है। विभाग का कहना है कि याचियों ने अपने आवेदन में अपना नाम, पिता का नाम तक नहीं लिखा है। याचियों का कहना है कि बेसिक शिक्षा विभाग के पास सभी अभ्यर्थियों के रिकार्ड हैं, वह उसे दूर करके कोर्ट को भेज सकता है।