नई दिल्ली : देश के दस प्रमुख ट्रेड यूनियन (श्रमिक संगठन) की बुलाई गई राष्ट्रव्यापी हड़ताल का असर दिल्ली में दिखने लगा है। दिल्ली में DTC बसों और फीडर में भारी भीड़, पश्चिम विहार, पंजाबी बाग, संसद मार्ग पर भी ऑटो बहुत कम चल रहे हैं। वहीं, ट्रेड यूनियनों की हड़ताल के तहत दिल्ली में 90 हजार ऑटो रिक्शा नहीं चल रहे हैं। इसके चलते सुबह के समय ऑफिस जाने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।उत्तराखंड में हड़ताल को लेकर हरिद्वार स्थित बीएचईएल (भेल) में हंगामे, मारपीट और एक दूसरे के कपड़े फाड़ने की खबर आ रही है। देशव्यापी हड़ताल का कोयलांचल-संथाल में व्यापक असर देखने को मिल रहा है। कोयला उद्योग पर सबसे अधिक असर हुआ है। बीसीसीएल की खदानों में उत्पादन ठप हो गया है। बैंक और बीमा कार्यालय में भी काम नहीं होने की खबर है। सुबह से ही बंद समर्थक सड़कों पर उतर गए हैं। धनबाद में माले समर्थकों ने पहाड़ीगोड़ा के पास स्वर्णरेखा एक्सप्रेस ट्रेन को रोका है। सुबह 7 बजे के बाद से दुमका-देवघर छोड़ कर सभी रूट पर बस सेवा ठप। दुमका से होकर गुजरने वाली 250 बसों का चक्का जाम।
ट्रेड यूनियन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के क्रम में मुरादाबाद में भी रोडवेज बसों का भी चक्का जाम रहा, जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि हड़ताल का असर रामपुर, अमरोहा, संभल और चंदौसी में दिखाई नहीं दिया। तयशुदा कार्यक्रम के तहत मुरादाबाद डिपो से बसें बाहर नहीं निकलीं। चालकों ने बस अड्डा और पीतल नगरी वर्कशाप कटघर पर बसें खड़ी कर दीं। जिससे यात्रियों को डग्गामार वाहनों का सहारा लेना पड़ा। हड़ताल का असर रेलवे स्टेशन पर भी दिखाई दिया, वहां भी यात्रियों की भीड़ रही। गौरतलब है कि देश के दस प्रमुख ट्रेड यूनियन (श्रमिक संगठन) बुधवार को राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर रहेंगी, जिससे आवश्यक सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। इस हड़ताल का आहवान श्रम कानूनों में प्रस्तावित बदलाव के विरोध किया गया है। हालांकि, भाजपा से जुड़ी भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस), नेशनल ऑर्गनाइजेशन आफ बैंक वर्कर्स (एनओबीडब्ल्यू) और नेशनल फ्रंट आफ इंडियन ट्रेड यूनियंस इस हड़ताल में शामिल नहीं होगी। रेलवे और बैंकिंग पर हड़ताल का कोई खास प्रभाव नहीं होगा। वहीं, सरकार ने यूनियनों से अपना आंदोलन वापस लेने की अपील की है।