अन्तर्राष्ट्रीय
येचुरी अमेरिका संग रक्षा सहयोग समझौता भारत की संप्रभुता से समझौता
अमेरिका के साथ एक बड़े रक्षा सहयोग समझौते को लेकर माकपा ने मंगलवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर जानबूझकर संसद की उपेक्षा करने का आरोप लगाया।
वामपंथी पार्टी के अनुसार, करार ने यह आशंका बढ़ा दी है कि सरकार भारतीय संप्रभुता और रणनीतिक स्वायत्तता से समझौता कर रही है।
प्रधानमंत्री मोदी को लिखे एक पत्र में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, “समझौता, जो भारत को अमेरिका के करीबी घटक देशों और सहयोगियों के समान बनाता है, वह देश की रक्षा संबंध नीतियों में महत्वपूर्ण बदलाव है और यह संसद को विश्वास में लिए बिना किया गया है।”
उन्होंने कहा, “हालांकि अमेरिकी सरकार ने बड़े रक्षा सहयोगी दर्जे के विस्तृत विवरणों को वित्त वर्ष 2017 के राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम (एनडीएए) के हिस्से के रूप में मंजूरी के लिए सीनेट की पटल पर रखा, जबकि आपकी सरकार ने इस तरह के महत्वपूर्ण समझौते को लेकर संसद में एक बयान तक जारी नहीं किया। 2017 एनडीएए को पढ़कर देश समझौते के अमेरिकी पक्ष को समझ सकता है, लेकिन अमेरिका के बड़े रक्षा सहयोगी के रूप में भारत की प्रतिबद्धता से अनभिज्ञ बना हुआ है।”