राजनीति

ये भी जानें, यूं ही नहीं मुलायम के खास माने जाते हैं आशु मलिक, ये भी जानें

मुलायम के खास होने से आशु मलिक को पार्टी आजम का वि‍कल्प और एक नए मुस्लिम चेहरे के तौर पर पेश करने में लगी थी।

 समाजवादी पार्टी (SP) में छिड़ी सियासत की जंग में अखिलेश यादव गुट के निशाने पर रहे आशु मलिक आखिरकार सीएम की नाराजगी का शिकार हो ही गए। लखनऊ से आए निर्देश के बाद गाजियाबाद से विधान परिषद सदस्य आशु मलिक की वाइ श्रेणी की सुरक्षा हटा ली गई है।

02_01_2017-ashuspजानें समाजवादी पार्टी में तेजी से जगह बनाने वाले आशु मलिक के बारे में

1. आशु मलिका ने जनवरी, 2015 में समाजवादी पार्टी की ओर से एमएलसी के तौर पर शपथ ली थी।
2. 2010 में आशु ने अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था।
3. अध्ययन के साथ-साथ आशु मलिक को सामाजिक मुद्दों को उठाने के लिए भी जाना जाता है।
4. आशु की सामाजिक मुद्दों पर पकड़ के चलते ही उन्हें पार्टी ने समाजवादी पार्टी सरकार का प्रचारक बना दिया था।
5. 2012 में नोएडा में हुई साइकिल रैली में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ काफी सक्रिय नजर आए थे।
6. 2014 में अखिलेश की युवा टीम में आशु ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
7. दादरी कांड में मारे गए अखलाक के परिजनों को लेकर राजधानी स्थित सीएम आवास पर सपा एमएलसी आशु मलिक ही पहुंचे थे।
8. दरअसल, आशु मलिक को पार्टी आजम का विकल्प और एक नए मुस्लिम चेहरे के तौर पर पेश करने में लगी थी।
9. बीते कुछ दिनों में जिस तरह से पश्चिमी यूपी में मुस्लिम समुदाय के मसलों पर आशु मलिक सामने आए थे, उससे साफ जाहिर है कि पार्टी उन्हें मुस्लिम चेहरे के तौर पर प्रोजेक्ट करने की तैयारी में थी।
10. पिछले साल फरवरी में मेट्रो रेल का वर्किंग मॉडल बनाने वाले शामली के अब्दुल समद से सीएम अखिलेश ने लखनऊ में अपने सरकारी आवास पर मुलकात की थी। इस मुलाक़ात को भी संभव बनाने में आशु मलिक ने अहम भूमिका निभाई थी। इस दौरान सीएम ने उनके प्रोजेक्ट से खुश होकर समद को 10 लाख रुपए दिए जाने की भी घोषणा की थी।

 

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