ये हैं देवी सती के ये 4 रहस्यमयी शक्तिपीठ, जिन्हें आज तक कोई ढूंढ नहीं पाया
हिंदू धर्म में पुराणों का विशेष महत्व है। इन्हीं पुराणों में वर्णन है माता के शक्तिपीठों का भी। पुराणों की ही मानें तो जहां-जहां देवी सती के अंग के टुकड़े, वस्त्र और गहने गिरे, वहां-वहां मां के शक्तिपीठ (Shakti Peeth) बन गए।
ये शक्तिपीठ (Shakti Peeth) पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में फैले हैं। देवी भागवत में 108 और देवी गीता में 72 शक्तिपीठों का जिक्र है। वहीं देवी पुराण में 51 शक्तिपीठ बताए गए हैं। लेकिन 51 शक्तिपीठों में से 4 ऐसे भी है जो आज भी उनके अस्तित्व के बारे में कोई नहीं जानता। आइए जानते हैं देवी के इन 4 शक्तिपीठो के बारे में…
रत्नावली शक्तिपीठ
ऐसी मान्यता है इस शक्तिपीठ में देवी मां का कंधा गिरा था। इस शक्तिपीठ के बारे में मान्यता है कि देवी का यह अंग चेन्नई के आस-पास इलाकों में गिरा है। लेकिन इस जगह के बारे में आज तक किसी को मालूम नहीं है।
कालमाधव शक्तिपीठ
दूसरा शक्तिपीठ जिसके बारे में आजतक मालूम नहीं है वह है कालमाधव शक्ति पीठ। ऐसा कहा जाता है यहां पर देवी सती कालमाधव और शिव असितानंद नाम से निवास करते हैं। ऐसी मान्यता है कि यहां पर देवी सती के बाएं कूल्हे गिरे थे।
लंका शक्तिपीठ
इस स्थान पर देवी सती का आभूषण गिरा था। शास्त्रों में इस शक्तिपीठ के बारे में बताया गया है। इस स्थान के बारे में भी आज तक कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।
पंचसागर शक्तिपीठ
चौथे शक्तिपीठ के बारे में भी कोई जानकारी अब तक नहीं है। इस जगह पर सती का निचला जबड़ा गिरा था। इस स्थान पर देवी सती को वरही कहा जाता है।