पर्यटन
ये हैं पूरी दुनिया के टॉप लैंडमार्क।
माचू पिच्चू दुनिया का टॉप लैंडमार्क बनकर उभरा है। एक ट्रैवल वेब पोर्टल की ओर हुए ट्रैवलर्स चॉइस अवॉर्ड-2016 में माचू पिच्चू को फस्र्ट पॉजिशन मिली है। दूसरे स्थान पर अबु धाबी की खूबसूरत शेख जाएद मस्जिद रही है। यह यूएई की सबसे खूबसूरत मस्जिद है, वहीं तीसरे स्थान पर कम्बोडिया का अंकोरवॉट रहा। इस अवॉर्ड के तहत टॉप-25 लैंडमाक्र्स के नाम घोषित हुए। इनमें से भारत से एकमात्र ताजमहल है, जिसे पाँचवा स्थान मिला। इन खास लैंड मार्क्स पर एक नजर…
माचू पिच्चू, पेरूदक्षिणी अमरीका के देश पेरू का एेतिहासिक स्थल माचू पिच्चू दुनियाभर के लोगों की पहली पसंद बन गया है। यह स्थल समुद्र तल से 2430 मीटर ऊंचाई पर स्थित है। यह प्लेस यहां के इंका साम्राज्य के सबसे परिचित प्रतीकों में से एक है। नए सात आश्चर्यों में भी इसका नाम है। 1983 में इसे यूनेस्को ने वल्र्ड हैरिटेज साइट का दर्जा दिया था। वैसे तो इस जगह का निर्माण 1430 ई. में हुआ था। लेकिन टूरिस्ट्स के बीच यह जगह 1911 से पॉपुलर हुई, जब अमरीकी इतिहासकार हीरम बिंघम ने इस जगह की खोज की।
शेख जाएद मस्जिद, अबु धाबीअबू धाबी की शेख जाएद मस्जिद दुनिया की 10 बड़ी मस्जिदों में शुमार है। इसे दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मस्जिद बताया जाता है। सफेद रंग की यह भव्य मस्जिद दुनिया में सबसे सुंदर भी मानी जाती है, जिसे दुनिया में एकता की मिसाल के तौर पर देखा जाता है। यहां के मुख्य हॉल में बिछा कालीन भी दुनिया का सबसे बड़ा कालीन है। यह करीब 6000 वर्गफ़ीट का है, जिसे 1200 ईरानी महिलाओं ने करीब दो साल में तैयार किया है। इस मस्जिद के निर्माण में तुर्की, मोरक्को, भारत, मलेशिया, चीन, ईरान, यूके , न्यूजीलैंड और ग्रीस से कारीगर यहां बुलाए गए थे।
अंकोरवाट, कंबोडियाकंबोडिया का अंकोरवाट मंदिर विश्व प्रसिद्ध है। पिछली बार इस जगह को प्रथम स्थान मिला था। यह विश्व का सबसे बड़ा हिन्दू मन्दिर परिसर माना जाता है। इसका निर्माण सूर्यवर्मन द्वितीय के शासनकाल में हुआ था। यह मंदिर मेरू पर्वत का प्रतीक भी माना जाता है। इसकी दीवारों पर भारतीय धर्म ग्रंथों के प्रसंगों का चित्रण है। यह भी यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों में से एक है।
अंकोरवाट, कंबोडियाकंबोडिया का अंकोरवाट मंदिर विश्व प्रसिद्ध है। पिछली बार इस जगह को प्रथम स्थान मिला था। यह विश्व का सबसे बड़ा हिन्दू मन्दिर परिसर माना जाता है। इसका निर्माण सूर्यवर्मन द्वितीय के शासनकाल में हुआ था। यह मंदिर मेरू पर्वत का प्रतीक भी माना जाता है। इसकी दीवारों पर भारतीय धर्म ग्रंथों के प्रसंगों का चित्रण है। यह भी यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों में से एक है।
ताजमहल, इंडियाइंडिया की पहचान ताजमहल ने वल्र्ड के टॉप फाइव लैंडमाक्र्स में अपनी जगह बनाई है। टूरिस्ट्स की एक बहुत बड़ी संख्या में ताजमहल को अपना फे वरिट प्लेस बताया है। इंडिया से एकमात्र ताजमहल ही है, जिसने यह जगह बनाई है। इंडिया आने वाले ज्यादातर विदेशी टूरिस्ट्स ताजमहल जरूर देखते हैं। इसकी सुंदरता टूरिस्ट्स को काफी अट्रैक्ट करती है।
द सेवियर ऑन ब्लड चर्च, सेंट पीटर्सबर्ग, रूस
लिंकन मेमोरियल रिफ्लेक्टिंग पूल, वॉशिंगटन
मिलान कैथेड्रल, इटली