जीवनशैली

ये हैं वो तरीका जिसमें चंद्रग्रहण के बावजूद भी नहीं होता भोजन दूषित

देश में आज यानी 31 जनवरी को पूर्ण चंद्रग्रहण लगेगा. इसकी अवधि शाम 6 बजकर 21 मिनट से रात के 8 बजकर 41 मिनट तक होगी. मान्यताओं और ज्योतिषों की मानें तो इस दौरान खाना बनाना और भोजन करने से परहेज रखना चाहिए. आइए हम आपको बताते हैं कि ऐसा क्यों है और इससे बचने के लिए कौन से उपाय किए जाने चाहिए. 
ऐसी मान्यता है कि ग्रहण के समय भोजन नहीं करना चाहिए. भोजन करने से अनेक प्रकार के रोगों से ग्रसित हो सकते हैं. यही कारण है कि ग्रहणकाल में भोजन करना निषेध माना गया है. ग्रहणकाल में घर में रखा हुआ खाना या पेय पदार्थ पुनः उपयोग करने लायक नहीं होता है. हां, ग्रहण या सूतक से पहले ही यदि सभी भोज्य पदार्थ जैसे दूध, दही, चटनी आचार आदि में कुश रख देने से भोजन दूषित होने से बच जाता है. आप पुनः इसे उपयोग में ला सकते हैं. 
पं. शैलेंद्र पांडेय के मुताबिक ग्रहणकाल में बने भोजन और जल में विशेष तरह की नकारात्मक ऊर्जा आ जाती है जिससे भोजन करने से आप बीमारियों के शिकार हो सकते हैं.  

– इसलिए भोजन और जल में तुलसी के पत्ते या कुश डालकर रखना चाहिए. 
– घर में गोबर की लिपाई करने से और गोबर का प्रयोग करने से ग्रहण के नकारात्मक तरंगों से बचा जा सकता है.
– बीमारों, वृद्धों और बच्चों पर ग्रहण के नियम लागू नहीं होते हैं.
 

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