ये हैं वो 9 द्वार जिनसे निकलती हैं आत्मा, जानिए कैसे ?
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मृत्यु सभी कोई आनी है यह तो सब जानते हैं इस धरती पर कोई भी अमृत पीकर नहीं आया है एक ना एक दिन सभी को यह संसार छोड़ कर जाना है सब को 1 दिन मरना है इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है लेकिन सोचने वाली बात यह है कि किसकी मृत्यु कैसे होती है और मरते समय उसकी दशा कैसी रहती है आपने देखा ही होगा या सुना भी हो कुछ लोगों की आंखें मरने के बाद उलट जाती है असलियत में यह आत्मा को त्यागने के कारण यह होता है इसके पीछे बहुत ही डरावना सत्य है जिसे जानकर आप दंग रह जाएंगे.
भगवान विष्णु ने भी गरुड़ पुराण में कहां है कि मनुष्य अपने कर्मो के अनुसार बीमार होकर शारीरिक कष्ट होता है शारीरिक कष्ट के बावजूद जो व्यक्ति जीने की चाह रखता है यहां अपने परिजनों से अधिक लगाव रखता है जिन के मन में वैराग्य की भावना उत्पन्न नहीं होती हो ऐसे व्यक्ति की अंत समय में आंखें काम करना बंद कर देती है और कानों से सुनाई देना भी बंद हो जाता है और व्यक्ति का गला भी बैठ जाता है.
यह व्यक्ति यमदूत को देख जरूर लेते हैं परंतु किसी को बता नहीं पाते हैं मोह माया के कारण व्यक्ति यमदूत को तो देख लेता है लेकिन वह जीने की इच्छा रखता है फिर यम के दूत व्यक्ति की आत्मा को शरीर से निकाल लेते हैं मोह माया के जाल में फंसा व्यक्ति की आत्मा आंखों से निकालने के कारण आंखें उलट जाती है यह एक बहुत ही डरावना सत्य है जिसे सुनकर आप भी दंग रह गए होंगे.
गरुड़ पुराण के अनुसार आत्मा के निकलने के नौ द्वार होते हैं दो आंखें दोनों कान दोनों नासिका मुख्य या फिर उत्सर्जन से निकलती हैआप मृत्यू के निकलने के 9 द्वार तो जान चुके हैं जिन व्यक्तियों के मुंह से प्राण निकलते हैं उनका मुंह टेढ़ा हो जाता है कहां गया है कि मुह से प्राण निकलते हैं तो हो बड़ा शुभ होता है ऐसे व्यक्ति की आत्मा को यम लोग में दंड नहीं भुगतना पड़ता है.