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ये है हेमा की बायोग्राफी, खुले जिन्दगी के कई बड़े राज़

बॉलीवुड में ऋषि कपूर, करण जौहर और रेखा जैसी कई शख्सियतों की जिंदगी पर किताब आ चुकी है. अब इस कड़ी में ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी का भी नाम जुड़ने जा रहा है. उनकी इस बायोग्राफी का नाम ‘बियोंड द ड्रीम गर्ल’ है (Beyond The Dream Girl). इसे हार्पर कॉलिन्स ने पब्लिश किया है.

ये है हेमा मालिनी की बायोग्राफी, खुले जिन्दगी के कई बड़े राज़

सोमवार को हेमा के 69वें जन्मदिन के मौके पर इसे लॉन्च किया जाएगा. हालांकि उनकी आत्मकथा में उन सवालों का जवाब रीडर्स को नहीं मिल पाएगा जिनके बारे में पिछले चार दशकों से खूब गॉसिप्स लिखे गए. मसलन धर्मेंद्र की दूसरी पत्नी प्रकाश कौर और बेटों सनी-बॉबी देओल से हेमा के रिश्तों पर आत्मकथा में कुछ नहीं लिखा गया है.

हेमा की आत्मकथा को फिल्म मैग्जीन ‘स्टारडस्ट’ के पूर्व एडिटर और प्रोड्यूसर राम कमल मुखर्जी ने लिखा है. Aajtak.in से बातचीत में उन्होंने कहा कि पहली बार हेमा के जीवन से जुड़ी कई बातें सामने आएंगी. इनमें उनके करियर शादी और तमाम बातों का जिक्र होगा. किताब में सनी-बॉबी और उनकी मां प्रकाश कौर के जिक्र से जुड़े हमारे सवाल पर उन्होंने बताया, ‘किताब हेमा की जिंदगी पर है इसलिए इसमें तमाम दूसरी चीजें शामिल नहीं की गई हैं.’ हेमा की किताब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्रस्तावना लिखी है.

बता दें कि धर्मेंद्र ने हेमा मालिनी से दूसरी शादी की थी. उनकी पहली पत्नी का नाम प्रकाश कौर है. ऐसा कहा जाता रहा है कि धर्मेंद्र के दोनों परिवारों में आपसी रिश्ता बेहद नाजुक है. हेमा की बेटियों की शादी के दौरान भी यह नजर आया था. सनी और बॉबी, बहन की शादी में शामिल नहीं हुए थे. इसे परिवार के अंदर धर्मेंद्र की पर्सनल हार के तौर पर देखा गया.

पिछले साल एक इंटरव्यू में पहली बार प्रकाश कौर ने भी धर्मेंद्र से दूसरी शादी करने को लेकर हेमा ने सवाल खड़े किए थे. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा था, “अगर मैं उनकी (हेमा मालिनी) जगह होती तो कभी ऐसा (धर्मेंद्र से शादी) नहीं करती.” प्रकाश ने यह भी कहा था, “धर्मेंद्र भले ही अच्छे पति न हों, लेकिन वो एक अच्छे पिता जरूर हैं.”

किताब में क्या है?

1) राजनीति में कैसे आई : हेमा मालिनी की आत्मकथा में दोनों बेटियों ईशा देओल और आहना देओल का काफी जिक्र है. दोनों बेटियों के बचपन, उनके करियर, शादी से जुड़े तमाम पहलू का जिक्र किया गया है. आत्मकथा में बताया गया है कि उन्होंने कैसे राजनीति में प्रवेश किया. आत्मकथा के लेखक रामकमल ने बताया, “18 साल पहले 1999 में गुरदासपुर लोकसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार विनोद खन्ना के प्रचार के बाद हेमा कैसे राजनीति में आई इसका विस्तार से जिक्र किया गया है. इसमें उनके पार्टी ज्वाइन करने और राज्यसभा-लोकसभा सांसद बनने तक की कहानी है. आत्मकथा में 2015 में हुए हेमा मालिनी के कार एक्सीडेंट का भी प्रमुखता से जिक्र किया गया है.

2) कैसे एक्टिंग की शुरुआत हुई : पहली बार आत्मकथा के जरिए हेमा मालिनी के आध्यात्मिक जीवन का भी खुलासा होगा. किताब में इस बात का जिक्र है कि हेमा मालिनी और जयललिता एक साथ तमिल फिल्म से डेब्यू करना चाहती थीं, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. फिल्म साइन करने के बावजूद वो प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ पाया. बाद में 16 साल की उम्र में राजकपूर के ओपोजिट ‘सपनों का सौदागर’ के जरिए वो हिंदी फिल्मों में हीरोइन के तौर पर नजर आईं. एक साउथ इंडियन लड़की के हिंदी फिल्मों की सफल अदाकारा बनने की कहानी किताब में दर्ज है.

3) हेमा के फैसलों पर मां का कितना असर रहा : फिल्मों के लिए प्रोड्यूसर्स, डायरेक्टर्स हेमा से नहीं बल्कि उनकी मां जया लक्ष्मी चक्रवर्ती से बात करते थे. उनकी मां को यदि फिल्म में कोई सीन आपत्तिजनक लगता था, तो वो उसे हटाने को कहती थीं. हेमा मालिनी एक स्टाइलिश हीरोइन के तौर पर जानी जाती थीं. पोल्का डॉट्स, ओवरसाइज्ड सलग्लासेज, प्लेटफॉर्म हील्स का ट्रेंड उन्होंने ही शुरू किया था, लेकिन फिल्मों में वो कभी वल्गर कपड़ें पहनी नहीं नजर आई. वो खुद इन सब चीजों में कंफर्टेबल नहीं होती थीं.

4) क्यों टूटी जितेंद्र से सगाई : हेमा मालिनी फिल्मों में अपना करियर नहीं बनाना चाहती थीं, लेकिन वो क्या वजह थी जिसकी वजह से उन्होंने फिल्म को अपना प्रोफेशन चुना, वो दक्षिण भारतीय होते हुए भी वहां की इंडस्ट्री में क्यों नहीं गईं- इस बारे में भी आपको यह किताब पढ़कर ही पता चलेगा. आपको बता दें कि किताब पढ़कर आपको पता चलेगा कि जीतेंद्र संग उनका अफेयर नहीं था, लेकिन दोनों की शादी जरूर तय हुई थी, लेकिन दोनों का रिश्ता किन्हीं वजहों से टूट गया था. बता दें कि हेमा इस वक्त मथुरा से भाजपा की लोकसभा सांसद हैं.

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