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योगगुरु रामदेव ने अपनी कंपनी पतंजलि के लिए रखा 10,000 करोड़ रुपये के कारोबार का लक्ष्य

images (2)नई दिल्ली: ऐसे समय जब पूरी दुनिया आर्थिक सुस्ती के दौर से गुजर रही है, पतंजलि आयुर्वेद ने चालू वित्त वर्ष के दौरान अपना कारोबार दोगुने से भी ज्यादा बढ़ाकर 10,000 करोड़ रुपये के पार पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। कंपनी ने इस दौरान छह प्रसंस्करण इकाइयों पर 1,150 करोड़ रुपये निवेश की भी योजना बनाई है।

छह राज्यों में लगाएंगे कारखाना
पतंजलि आयुर्वेद के प्रवर्तक योग गुरु रामदेव ने कहा, ‘हम देश के विभिन्न हिस्सों में पांच-छह प्रसंस्करण इकाइयां लगाएंगे, जिसमें 1,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इसके अलावा शोध एवं विकास पर 150 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। हम चालू वित्त वर्ष के दौरान अपना कारोबार दोगुना कर 10,000 करोड़ रुपये पर पहुंचाएंगे।’ ये इकाइयां असम, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्टू, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में लगाई जाएंगी। वहीं पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने कहा, ‘हम ये इकाइयां सूखा प्रभावित इलाकों महाराष्ट्र के विदर्भ, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में लगाएंगे। इनमें से कम से कम चार इकाइयां इस वित्त वर्ष के अंत तक चालू हो जाएंगी।’

पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के 2015-16 के कामकाज का ब्योरा देते हुए उन्होंने कहा कि 31 मार्च, 2016 को समाप्त वित्त वर्ष के दौरान कंपनी ने 150 प्रतिशत वृद्धि हासिल करते हुए 5,000 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार किया। रामदेव ने कहा चालू वित्त वर्ष में भी वृद्धि की यह गति बनी रहेगी और वर्ष के दौरान पतंजलि का कारोबार दोगुने से अधिक बढ़कर 10,000 करोड़ रुपये के पार पहुंच जाएगा।

डेयरी क्षेत्र में भी उतरेगी पतंजलि
रामदेव ने कहा कि पतंजलि इस साल तीव्र प्रतिस्पर्धा वाले ‘डेयरी उत्पादों’ के क्षेत्र में भी उतरेगी। रामदेव ने कहा ‘हम अपने वृद्धि लक्ष्य को हासिल करने के लिए डेयरी, पशुचारा और योग के लिए खादी के कपड़े जैसे नए क्षेत्रों में कारोबार शुरू करेंगे। डेयरी उत्पादों का काम इसी साल शुरू हो जाएगा। दूध, मक्खन, छाछ और पनीर आदि उत्पाद के साथ काम शुरू होगा।

पैसों की तंगी नहीं, बैंक भी कर्ज देने को तैयार
धन की व्यवस्था के बारे में पूछे जाने पर रामदेव ने कहा, ‘बैंक हमें कर्ज देने के लिए तैयार हैं। हमारे पास कामकाज के विस्तार के लिए धन की तंगी नहीं है। हम कर्ज के बोझ से मुक्त कंपनी हैं।’ रामदेव ने पतंजलि उत्पादों की बढ़ती बिक्री को देश का ‘आर्थिक स्वाधीनता अभियान’ बताया। उन्होंने कहा कि मार्च 2012 में बाजार में उतरने के बाद से पतंजलि ने कारोबार में 1100 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हासिल कर सफलता का स्वर्णिम इतिहास रच दिया।

हर साल तरक्की करती पतंजलि
कंपनी ने 2011-12 में जहां 446 करोड़ रुपये का कारोबार किया, वहीं 2012-13 में 850 करोड़ रुपये, 2013-14 में 1200 करोड़ रुपये और 2014-15 में 2006 करोड़ रुपये का कारोबार किया। पिछले वित्त वर्ष 2015-16 में कंपनी का कारोबार 150 प्रतिशत वृद्धि के साथ 5,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया। उन्होंने बताया कि वर्ष के दौरान दंतमंजन दंतकांति, बालों का तेल केशकांति, गाय का देशी घी, बिस्कुट, शहद, च्यवनप्राश, हर्बल नहाने का साबुन और कुछ अन्य उत्पाद कंपनी के अग्रणी प्रदर्शन वाले उत्पाद रहे हैं।

ऑनलाइन बाजार पर भी पतंजलि की नजर
रामदेव ने कहा कंपनी निर्यात बढ़ाने की दिशा में भी काम कर रही है। इसके साथ ही ऑनलाइन उपस्थिति पर भी गौर कर रही है। ‘हमें इंटरनेट पर हर महीने पांच करोड़ लोग देखते हैं। विस्तार के साथ हमारी ऑनलाइन बिक्री भी बढ़ेगी।’ कंपनी ने खुदरा वितरण प्रणाली को और मजबूत बनाने के लिए नई रणनीति बनाई है। इसके लिए उत्पादों को चार वर्गों में बांटा गया है। होम केयर, नैचुरल कॉस्मेटिक एंड हेल्थ केयर, नैचुरल फूड, बेवरेजिज एंड हेल्थ ड्रिंक्स। देशभर में 4000 वितरक, 10 हजार से ज्यादा पतंजलि स्टोर, 100 पतंजलि मेगा स्टोर और खुदरा विपणन की आधुनिक भागीदारी के साथ इन लक्ष्यों को पूरा किया जाएगा।

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