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योगी आदित्यनाथ के ये 5 राजनीतिक ब्रहमास्त्र जो रोकेंगे सपा-बसपा-कांग्रेस को!

लोकसभा के चुनाव नजदीक है और इसके लिए अब बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी ने एक बड़ा ऐलान करते हुए लोकसभा के लिए उत्तर प्रदेश की 80 सीटों की विधानसभाओं पर अपना महागठबंधन का ऐलान कर दिया और दोनों ने 38-38 सीटों का बंटवारा कर लिया है. इस गठबंधन का सबसे बड़ा नुकसान भारतीय जनता पार्टी को होगा क्योंकि इस गठबंधन के चलते ही भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में उपचुनाव हारी थी जिसके बाद सब को डर है कि यही बात का असर लोकसभा के चुनाव में ना दिखने लगे.

योगी आदित्यनाथ के ये 5 राजनीतिक ब्रहमास्त्र जो रोकेंगे सपा-बसपा-कांग्रेस को!इसके बाद अब बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास कुछ ऐसे राजनीतिक तरीके हैं जिन के बदले वह उत्तर प्रदेश में एक बार फिर अच्छी सीटों पर चमत्कार दिखाने में भारतीय जनता पार्टी की मदद कर सकते हैं.

सबसे पहला मुद्दा राम मंदिर का है सरकार राम मंदिर पर कोई भी फैसला लिखकर कभी भी उत्तर प्रदेश और देश की राजनीति में परिवर्तन ला सकती है. उत्तर प्रदेश की बात को आगे करें तो उस गैर यादव और गैर जाट वोटों पर भी भारतीय जनता पार्टी की नजर है योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में ओबीसी की उन जातियों का हालचाल लिया था जिन्हें अभी तक आरक्षण और सरकारी योजनाओं का कोई लाभ नहीं मिल रहा है सरकार की नजर अब उन लोगों पर है और उनका वोट बैंक पाने पर है.

उसी तरह आप सरकार और योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश में दलित वोट बैंक को भी अपनी ओर खींचने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. वहीं इसके अलावा एक और बड़ी बात जो है जो भाजपा के पक्ष में है कि बसपा और सपा की गठबंधन में कांग्रेस शामिल नहीं है या नहीं कांग्रेस के वोट काटेंगे और इसका फायदा होगा भारतीय जनता पार्टी को और वह चुनाव में हो सकता है कि जीत हासिल कर पाए.

वहीं कुंभ मेले के आयोजन और सरकार द्वारा जनहित कार्यों में करने के बाद यह भी उम्मीद है कि सरकार लोगों का किसानों का कर्ज माफ कर सकती है और इस तरीके की कुछ एक दो और निर्णय लिए जा सकते हैं जिससे आम आदमी को राहत मिले और चुनाव में उसे इस बात का फायदा मिल सके.

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