योगी ने चेताया, भगवा पट्टा पहनकर दादागीरी दिखाई तो खैर नहीं!
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योगी आदित्यनाथ ने हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं को कड़ा संदेश दिया है. गोरखनाथ मंदिर में हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं और प्रतिनिधियों से बैठक करते समय योगी ने दो टूक कहा, ‘केसरिया शालीनता का प्रतीक है. हमें यह शालीनता बरकरार रखनी होगी. केसरिया का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.’
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कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा, ‘भारतीय जनता पार्टी कानून में विश्वास रखती है और हम कानून का शासन लाना चाहते हैं. कोई मंत्री भी है तो उसको कानून के हिसाब से ही चलना पड़ेगा. मुख्यमंत्री साहब ने अपने कार्यकर्ताओं को भी यही कहा है. उन्होंने कहा है कि लोगों को हमसे अपेक्षा है कि हम कानून के हिसाब से चलेंगे. हम अपने कार्यकर्ताओं को सावधान सचेत कर रहे हैं कि जन आकांक्षा हम लोगों के साथ है. जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए हम को बसपा, सपा से अलग व्यवहार करना होगा.’
भाजपा के मंत्री भले ही योगी के वचनों के मायने सही समझ रहे हों, मगर कार्यकर्ताओं को तो लगता है कि योगी जी का यह संकेत विरोधियों के लिए हैं. हिंदू युवा वाहिनी के महामंत्री ने कहा, ‘महाराज जी ने उन लोगों के लिए कहा है जो लोग केसरिया का गमछा डाल के दफ्तरों में जा रहे हैं और दबाव बना रहे हैं, कुछ लोग गलत ढंग से इसका इस्तेमाल कर रहे हैं, उन पर कार्रवाई भी हुई है.’
कुछ कार्यकर्ताओं ने कहा, ‘यह संदेश दरअसल विरोधियों के लिए है, जो आजकल दूसरी पार्टी के नेता भी केसरिया रंग धारण करके बदमाशी कर रहे हैं, उनके लिए है.’
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दरअसल गो रक्षा, लव जिहाद, इस्लामिक आतंकवाद से लेकर धर्म परिवर्तन पर योगी आदित्यनाथ के विचार जगजाहिर हैं. जब योगी ने बतौर मुख्यमंत्री कार्यभार संभाला तो उनके आलोचकों ने कहा कि उनकी कट्टर छवि के चलते उत्तर प्रदेश में अमन और शांति बनाए रखना मुश्किल होगा. पर पिछले डेढ़ महीने में योगी ने अपने इशारों और अपने बयानों से यह स्पष्ट कर दिया कि कानून सबके लिए बराबर है.
योगी भी यह जानते हैं कि अगर कानून-व्यवस्था के दम पर अपनी सुशासन का संदेश देना है तो सबसे बड़ी चुनौती अपनों से ही है. यही वजह है कि शासन की शुरुआत में ही योगी के दो टूक वचन… समझदार के लिए इशारा ही काफी है.