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योगी ने डिंपल, आजम की Z+ सिक्युरिटी हटाई; BJP के कटियार की सुरक्षा बढ़ी
लखनऊ.योगी सरकार ने पूर्व सीएम अखिलेश यादव की पत्नी सांसद डिंपल यादव, पूर्व मंत्री आजम खान, शिवपाल यादव और एसपी महासचिव रामगोपाल यादव की Z+ सिक्युरिटी को घटाकर Y कैटेगरी कर दिया गया है। इसके अलावा सपा सरकार के करीबी 100 अन्य लोगों की सुरक्षा भी वापस ले ली गई है। हालांकि, सरकार ने मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव और मायावती की जेड प्लस सिक्युरिटी को जारी रखा है। वहीं, बीजेपी के सीनियर नेता और राज्यसभा मेंबर विनय कटियार की सिक्युरिटी Y कैटेगरी से बढ़ाकर Z कैटेगरी की कर दी गई है। नेताओं की सुरक्षा के संबंध में मांगी गई रिपोर्ट…
– बता दें, हाल ही में होम डिपार्टमेंट की मीटिंग के बाद पूर्व सरकार में नेताओं और मंत्रियों को दी गई सिक्युरिटी के संबंध में रिपोर्ट मंगाई गई थी। इसके बाद डिंपल यादव, आजम खान, शिवपाल यादव और रामगोपाल यादव की सुरक्षा घटाई गई।
– वहीं, बदायूं के सांसद धर्मेंद्र यादव की Y+ कैटेगरी की सिक्युरिटी जारी रखी गई है। बसपा के पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय को भी Y+ कैटेगरी सुरक्षा दी गई है। नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना को Y कैटेगरी सुरक्षा दी गई है।
इन नेताओं की सिक्युरिटी वापस ली गई
– आशु मलिक, राकेश यादव, अतुल प्रधान समेत सपा सरकार के 100 से ज्यादा करीबियों की कैटेगरीवाइज सिक्युरिटी वापस ले ली गई है। बता दें, वीआईपी कल्चर खत्म करने के तहत सीएम योगी ने प्रिंसिपल सेक्रेटरी होम को सिर्फ जरूरत के मुताबिक सुरक्षा देने के निर्देश दिए थे। इसके बाद सभी वीवीआईपी और वीआईपी को मिली सिक्युरिटी का रिव्यू किया गया।
किसे मिलती है जेड और जेड प्लस सिक्युरिटी?
– सीएम, कैबिनेट रैंक के मिनिस्टर्स, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जज और कुछ ऑफिसर्स को ही यह जेड या जेड प्लस कैटेगरी की सिक्युरिटी दी जाती है।
– जेड़ प्लस सिक्युरिटी की जिम्मेदारी यूनियन होम मिनिस्ट्री के अंडर में होती है। इसके लिए वहीं से जरूरी गाइडलाइंस दी जाती है।
– सीएम, कैबिनेट रैंक के मिनिस्टर्स, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जज और कुछ ऑफिसर्स को ही यह जेड या जेड प्लस कैटेगरी की सिक्युरिटी दी जाती है।
– जेड़ प्लस सिक्युरिटी की जिम्मेदारी यूनियन होम मिनिस्ट्री के अंडर में होती है। इसके लिए वहीं से जरूरी गाइडलाइंस दी जाती है।
सिक्युरिटी की कैटेगरी
SPG : स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) की कैटेगरी की सिक्युरिटी पीएम और उनके परिवारवालों को दी जाती है। एक्स पीएम के लिए यह 6 महीने तक रहती है। इसके अलावा स्पेशल लॉ के तहत यह फैसेलिटी राजीव गांधी के परिवार वालों को दी गई है।
Z Plus : इसमें 36 जवानों को तैनात किया जाता है। इनमें 10 से ज्यादा एनएसजी कमांडो और पुलिस ऑफिसर्स होते हैं। एनएसजी कमांडो मार्शल आर्ट माहिर होते हैं और बगैर हथियारों के भी दुश्मन से लड़ सकते हैं। वो MP 5 गन्स और कम्युनिकेशन सिस्टम से लैस होते हैं। काफिले में जैमर भी होता है।
Z : खतरा जेड प्लस से कुछ कम हो तो, जेड कैटेगरी की सिक्युरिटी दी जाती है। इसमें सीआईएसएफ, आईटीबीपी, बीएसएफ या पुलिस के 22 जवान तैनात रहते हैं। इनमें 5 एनएसजी कमांडो के साथ पुलिस ऑफिसर्स होते हैं।
Y : इसमें 11 जवान रहते हैं। इनमें 1 या 2 एनएसजी कमांडो होते हैं।
X : सिक्युरिटी की इस कैटेगरी में 2 जवान रहते हैं, जो आमतौर पर स्टेट पुलिस के होते हैं। इन्हें पीएसओ कहा जाता है।
SPG : स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) की कैटेगरी की सिक्युरिटी पीएम और उनके परिवारवालों को दी जाती है। एक्स पीएम के लिए यह 6 महीने तक रहती है। इसके अलावा स्पेशल लॉ के तहत यह फैसेलिटी राजीव गांधी के परिवार वालों को दी गई है।
Z Plus : इसमें 36 जवानों को तैनात किया जाता है। इनमें 10 से ज्यादा एनएसजी कमांडो और पुलिस ऑफिसर्स होते हैं। एनएसजी कमांडो मार्शल आर्ट माहिर होते हैं और बगैर हथियारों के भी दुश्मन से लड़ सकते हैं। वो MP 5 गन्स और कम्युनिकेशन सिस्टम से लैस होते हैं। काफिले में जैमर भी होता है।
Z : खतरा जेड प्लस से कुछ कम हो तो, जेड कैटेगरी की सिक्युरिटी दी जाती है। इसमें सीआईएसएफ, आईटीबीपी, बीएसएफ या पुलिस के 22 जवान तैनात रहते हैं। इनमें 5 एनएसजी कमांडो के साथ पुलिस ऑफिसर्स होते हैं।
Y : इसमें 11 जवान रहते हैं। इनमें 1 या 2 एनएसजी कमांडो होते हैं।
X : सिक्युरिटी की इस कैटेगरी में 2 जवान रहते हैं, जो आमतौर पर स्टेट पुलिस के होते हैं। इन्हें पीएसओ कहा जाता है।