योगी ने दिए मंत्रिमंडल में विस्तार के संकेत, कही लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र तो नहीं
हल ही में आरएसएस बैठक में अमित शाह लखनऊ आये थे। राजनीतिक पंडितों का मानना है की ये दौरा लोकसभा चुनाव के मद्दे नज़र था। ऐसा माना जा रहा है की इसी के चलते योगी अपने मंत्री मंडल में फेरबदल करने जा रहे है। अगर सूत्रों की मने तो बीजेपी आलाकमान ने सीएम योगी आदित्यनाथ को मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार के लिए संकेत दे दिए है। योगी मंत्रिमंडल का पहला विस्तार दीपावली से पहले हो सकता है। सूत्रों के अनुसार दीपावली से पहले करीब 6 से 9 विधायक मंत्रीपद की शपथ ले सकते हैं। कुछ वर्तमान मंत्रियों का कद बढ़ाया और कुछ का घटाया जा सकता है। कुछ मंत्रियों के विभागों में बदलाव भी हो सकता है। मंत्रिमंडल का यह विस्तार लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा।
लखनऊ: अभी जल्द ही, सरकार और आरएसएस की लखनऊ में हुई बैठक में भी मंत्रिमंडल में फरबदल के संकेत दिए गए थे। भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी कुछ विभागों के कामकाज से नाराज़ दिखे थे और बदलाव के संकेत दे दिए थे। ऐसे संकेत मिल रहे है 29 अक्टूबर को होने वाली बैठक मंत्रिमंडल विस्तार के लिहाज से महत्वपूर्ण होगी। यह बैठक इसलिए अहम् है क्योंकि दिसंबर से लोकसभा चुनाव की सरगर्मी बढ़ चुकी होगी और तब विस्तार या फेरबदल संभव नहीं होगा। योगी सरकार को करीब करीब दो साल होने को है। योगी का पहला मंत्रिमंडल विस्तार आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर होगा। इसमें कई बिन्दुओ को ध्यान में रखकर समीकरण बैठाया जायेगा। राजनीतिक, जातीय और भौगोलिक बैलेंस बनाने की कोशिश होगी। दलित और ओबीसी समाज को वरीयता मिलेगी। इसके बाद सवर्ण नेताओं का नंबर होगा। सरकार के सामने पूर्वी और पश्चिमी यूपी में सामंजस्य बनाने की भी चुनौती है। ऐसा माना जा रहा है की जल्द ही एमएलसी बने विद्यासागर सोनकर, अशोक कटारिया, अपना दल के आशीष पटेल, फैजाबाद के रामचंद्र यादव, अवतार सिंह भड़ाना, विजय बहादुर पाठक, पंकज सिंह और यशवंत सिंह आदि के नामों पर चर्चा की जाएगी। योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर से निपटने के लिए राज्यमंत्री अनिल राजभर को प्रमोशन दिया जा सकता है। नए मंत्रिमंडल में कई मंत्रियों के पर कतरे जा सकते हैं। ऐसे मंत्री जिनके कामकाज को लेकर विवाद रहा है और जो मंत्री बनने के बाद भी प्रदेश में कोई छाप नहीं छोड़ पाए हैं, उनका डिमोशन तय है। इसके साथ ही सरकार के कई विभागों के पुनर्गठन का काम चल रहा है। इसी के साथ कुछ मंत्रियों की जिम्मेदारी बढ़ाई जा सकती है। इनमें श्रीकांत शर्मा, ब्रजेश पाठक, सुरेश राणा, महेंद्र सिंह, स्वतंत्र देव सिंह सहित कुछ नाम शामिल हैं। स्वतंत्र प्रभार के कुछ मंत्रियों का ओहदा बढ़ाकर कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है। मंत्रिमंडल में अभी कुल 47 मंत्री हैं। उनमें सीएम, दो डेप्युटी सीएम, 22 कैबिनेट मंत्री, 9 स्वतंत्र प्रभार के मंत्री और 13 राज्यमंत्री हैं। नियमानुसार यूपी मंत्रिमंडल में कुल 60 मंत्री हो सकते हैं। इस हिसाब से कुल 13 नए मंत्रियों के लिए जगह अभी बाकी है।