योगी ने बदला अखिलेश सरकार का एक और सबसे बड़ा फैसला, अडाणी से बिजली नहींं खरीदेंगे
सरकार के इस फैसले का उत्तर प्रदेश विद्युत अभियंता संघ ने स्वागत किया है। संगठन के अध्यक्ष जीके मिश्रा ने बताया कि यह समझौते पूर्व की सपा सरकार में हुए थे।
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महंगे करार के चलते पावर कारपोरेशन को भारी वित्तीय घाटा हो रहा था और राज्य सेक्टर की सस्ती बिजली के उत्पादन को घटाना पड़ रहा था। इसे देखते हुए अभियंता निजी घरानों से करार रद्द करने तथा पूर्व में हुए समझौते पर पुनर्विचार करने की मांग लगातार कर रहे थे।
इसे देखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है। अभियंताओं का कहना था कि निजी घरानों से कुल 8000 मेगावाट के समझौते हुए हैं उसमें अभी कुछ ही समझौते रद्द हुए हैं। शेष समझौतों पर भी पुनर्विचार कर कदम उठाने की जरूरत है।
बता दें कि सूबे में पावर कारपोरेशन को लाइन लास तथा महंगी बिजली खरीद के चलते हर साल लगभग 1000 करोड़ का घाटा उठाना पड़ रहा है। इसमें बड़ा हिस्सा निजी घरानों से बिजली खरीद का बताया जाता है।