सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में कोई एक भी एनकाउंटर फर्जी साबित नहीं कर सकता। एक साल में 1250 से अधिक एनकाउंटर हुए हैं। योगी ने कहा कि समाज में घटनाएं भी घटेंगी और उन पर कार्रवाई भी होगी। लेकिन, इतना तय है कि कोई कानून हाथ में लेगा तो कानून अपना काम करेगा। वही हो रहा है। कोई अपराधी गोली चलाएगा तो पुलिस हाथ बांधकर बैठी नहीं रहेगी। पुलिस को गोली का जवाब गोली से देने का अधिकार है। लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में योगी ने कहा कि कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर मार्च 2017 से पहले की स्थिति और मार्च 2018 के हालात में काफी अंतर आया है। प्रदेश में भयमुक्त वातावरण बना है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि चुनाव के दौरान जो प्रत्याशी समर्थन और विरोध की चिंता किए बगैर मेहनत करता है तो वह सफल होता है। पर, जहां प्रत्याशी अति आत्मविश्वास से चुपचाप बैठ जाता है तो परिणाम विपरीत आते हैं। वैसे उपचुनाव परिणामों को जनादेश नहीं माना जा सकता। ये तात्कालिक हैं। बावजूद इसके ये हमारे लिए संकेत और सबक हैं। हम इन्हें आधार बनाकर आगे की तैयारी करेंगे।
उन्होंने गोरखपुर उपचुनाव में भाजपा के उम्मीदवार उपेंद्र शुक्ल का बचाव किया। कहा, ‘शुक्ल ने क्षेत्रीय अध्यक्ष के रूप में अच्छा कार्य किया लेकिन दुर्भाग्य से वे चुनाव से ठीक पहले बीमार हो गए। चुनाव में जितना समय देना चाहिए था, नहीं दे पाए। जब प्रत्याशी खुद उपस्थित नहीं होता है तो कार्यकर्ता निष्क्रिय हो जाता है। यह भी हार का एक कारण रहा।’ इस सवाल पर कि लोगों में चर्चा है कि मठ का उम्मीदवार न होने से भाजपा हार गई। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘जो हुआ, हो गया, आगे की तैयारी करो। भाजपा का जो भी प्रत्याशी होता है वह मठ का, हमारा प्रतिनिधि होता है।’
घर की बात नहीं बताई जाती…
लोकसभा उपचुनाव में पराजय पर कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से बात हुई है। पर, परिवार की बात को सार्वजनिक नहीं करेंगे। घर की बात पड़ोसी को नहीं बताई जा सकती।
हमारे वोट में नहीं लग सकती सेंध
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के समर्थक मतदाताओं में कोई सेंध नहीं लगा सकता। उपचुनाव के परिणाम से भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। प्रदेश की जनता 2019 में भी भाजपा को वैसा ही समर्थन देगी, जैसा 2017 में दिया था।
सपा, बसपा व कांग्रेस परिवारवादी
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस, सपा और बसपा को राजनीतिक या लोकतांत्रिक दल कहना लोकतंत्र का अपमान होगा। ये परिवारवादी पार्टियां हैं। प्राइवेट लिमिटेड कंपनियां हैं। इनके पास लोकतांत्रिक ढांचा नहीं है। इनका चाल व चरित्र जनता समझ गई है।
मुहावरा है सांप-छछूंदर
योगी ने कहा कि उन्होंने सपा-बसपा की तुलना सांप-छछूंदर से करके कोई अमर्यादित टिप्पणी नहीं की। यह तो मुहावरा है। मुहावरे अमर्यादित नहीं होते। पर, जो कहा था वह सही है।
राम मंदिर पर अच्छी दिशा में आएगा फैसला
राम मंदिर पर संसद में कानून बनाकर इसका समाधान करने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि न्यायालय में विचाराधीन मामले पर सदन में चर्चा नहीं हो सकती। राम जन्मभूमि राजनीति नहीं, देश की आस्था का मुद्दा है। भाजपा ने संविधान के दायरे में रहकर समाधान के प्रयास की बात कही है। उच्चतम न्यायालय पर विश्वास करना चाहिए, अच्छी दिशा में फैसला आएगा।
हम काडर विशेष या पार्टी विशेष के लिए काम नहीं करते
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार और संगठन पर एक ही व्यक्ति का नेतृत्व होना आदर्श व्यवस्था नहीं है। सरकार और संगठन का काम अलग-अलग है। सरकार को सभी के कल्याण के लिए काम करना है जबकि संगठन का लक्ष्य सिर्फ अपनी मजबूती और कार्यकर्ताओं की चिंता होती है। एक ही व्यक्ति के हाथ में दोनों का नेतृत्व सरकार की सोच को सीमित करता है। संगठन और सरकार अलग-अलग व्यक्ति के हाथ में होने से कामों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। हमारे यहां कोई मतभेद नहीं है। जनहित के मुद्दों पर फैसला लेने के लिए सरकार और संगठन साथ बैठते हैं। भाजपा सरकार उनमें नहीं है जो एक काडर विशेष या पार्टी विशेष के लिए कोई पॉलिसी तय करे।
आपको ही मुबारक हों नरेश अग्रवाल
नरेश अग्रवाल को लेकर पूछे गए सवाल पर योगी ने जो कुछ कहा, उससे साफ हो गया कि अग्रवाल को लेकर भाजपा के कई नेता काफी असहज हैं। योगी से जब अग्रवाल के भाजपा में शामिल होने का सवाल हुआ तो वे बोले,‘नरेश अग्रवाल आपको मुबारक हों।’ हालांकि बाद में उन्होंने खुद को संभालते हुए कहा कि अग्रवाल को भाजपा में शामिल करना संगठन का विषय है, सरकार का नहीं।
कर्ज न चुकाने वाले किसानों के बंद खाते खुलवाने पर विचार
एक सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार किसानों के हित में काम कर रही है। कॉमर्शियल बैंकों सहित कई अन्य बैंकों ने उन किसानों के खाते बंद कर दिए हैं जो अपना कर्ज नहीं चुका पाए। इस कारण इन किसानों को फसली ऋण भी नहीं मिल रहा। हम चाहते हैं कि इन किसानों के खाते फिर शुरू करवाए जाएं, पर कामर्शियल बैंकों के मामले में कुछ तकनीकी दिक्कत आ रही है। सरकार की तरफ से बात की जा रही है। हम चाहते हैं कि किसानों पर बकाया कर्ज का 75 प्रतिशत सरकार चुका दे और शेष 25 प्रतिशत बैंक माफ करके लघु एवं सीमांत किसानों के एनपीए घोषित खातों को चालू कर दें।