उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में डबल मर्डर का एक ऐसा मामला सामने आया जिसने यूपी की पुलिस व्यवस्था की पोल खोल दी। यहां के दिबियापुर इलाके में पुलिस की महिला हेड कॉन्स्टेबल और उसके बेटी की सरे आम गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई। कुछ दिनों पहले ही कॉन्स्टेबल ने अपने विभाग से सुरक्षा दिए जाने की गुहार लगाई थी।
पुलिस की लापरवाही से चली गई मां -बेटे की जान
हेड कांस्टेबल व उसके बेटे की हत्या में पुलिस की लापरवाही भी सामने आई है। वह जमीन का मुकदमा जीतने के बाद उस पर कब्जा दिलाने के लिए थाने में गुहार लगाती रही, लेकिन इलाकाई पुलिस ने उसे टरका दिया। जिसके नतीजा रहा कि मां-बेटे की जान चली गई। सीओ ने इस मामले में पुलिस की भूमिका की जांच कराने की बात कही है।
कानपुर के कलक्टरगंज में तैनात हेड कांस्टेबल सुनीता शुक्ला के पति रमेश की 1985 में मौत हो गई थी। उनकी कोई संतान नहीं थी। ऐसे में उन्होंने रिश्तेदार के बच्चे को गोद लिया। दूसरी तरफ सुनीता के देवर अवधेश ने जालसाजी कर पैतृक जमीन 44 बीघा अपने नाम करा ली।
गोद लिया बेटा अग्निवेश बड़ा हुआ तो सुनीता ने जमीन का हक पाने के लिए एसडीएम कोर्ट में मुकदमा दायर किया। बाद में मामला इटावा स्थानांतरित हुआ। सैफई एसडीएम कोर्ट से दिसंबर 2017 में फैसला आया। सुनीता ने फैसले की कापी पुलिस को देकर कब्जा दिलाने की गुहार लगाई। जिस पर पुलिस ने मौके पर जाकर कब्जा दिला दिया। मगर खेत पर बहटाईदार की फसल थी। जिस पर तय हुआ फसल कटने के बाद पूरा कब्जा दिलाया जाएगा। कुछ दिन पहले बटाईदार ने फसल काट ली तो सुनीता ने दोबारा थाने में गुहार लगाई। मां-बेटे रविवार शाम बेला थाने की याकूबपुर पुलिस चौकी पहुंचे। लिखित तहरीर देकर सुरक्षा की मांग की। जिस पर पुलिस ने सोेमवार को खेत जोतने की बात कह दी।
सोमवार दोपहर बाद सुनीता व अग्निवेश ट्रैक्टर लेकर खेत में पहुंचे। इन लोगों ने पुलिस को सूचना दी। इसके बाद भी पुलिस मौके पर नहीं पहुंची। खेत जुताई चल ही रही थी कि शाम पांच बजे पहुंचे अवधेश व उसके बेटे ने दोनों की गोली मार कर हत्या कर दी। अगर पुलिस सुबह साथ में जाती तो शायद यह हादसा नहीं होता। सीओ भाष्कर वर्मा ने बताया कि ऐसा कुछ है तो वह इसकी भी जांच कर रहे हैं। दोषी पुलिसकर्मियोें पर भी कार्रवाई होगी।
गांव में पुलिस तैनात
हेड कांस्टेबल व उसके बेटे की हत्या के बाद गांव में दहशत का माहौल है। गांव में पुलिस तैनात कर दी गई है। आरोपी के घर और पास पड़ोस पर निगाह रखी जा रही है।
अब तो जमीन का दावेदार ही खत्म
रमेश व अवधेश दो भाई थे। रमेश की मौत के बाद अवधेश चाहता था कि 44 बीघा जमीन उसकी ही रहे। उसने भाभी सुनीता से भी कहा कि उसके संतान नही और नौकरी भी लग गई। इधर जब सुनीता ने लड़का गोद ले लिया तब से दूरियां बड़ती गई। मुकदमा होने पर अवधेश दुश्मन मानने लगा।
शादी से पहले आई मौत
अग्निवेश शुक्ला अविवाहित था। उसके दोस्तों ने उसके लिए लड़की देख रखी थी। उमरी गांव में रिश्ता करीब-करीब तय था। सुनीता की तैयारी थी कि जमीन का मामला निबटने के बाद शहनाई गूजेंगी, लेकिन उसे क्या पता था कि यही जमीन उसकी और उसके बेटे की मौत की वजह बन जाएगी। अग्निवेश हंसमुख स्वभाव का था। उसकी गांव के लोगों से काफी अच्छे संबंध थे। वह दिबियापुर क स्बे में भी लोगों से मिलजुल कर रहता था। यही वजह से उसे गोली मारने की सूचना मिलते ही तमाम लोग पहले अस्पताल पहुंचे। इसके बाद उसके साथ सैफई जा रहे थे कि रास्ते में उसकी मौत हो गई। सभासद रजत यादव, राहुल राजपूत, अभिषेक चौहान, अनुराग पोरवाल, गगन दुबे आइद ने बताया कि अग्निवेश जैसा दोस्त दोबारा नहीं मिल सकता है।
ये था पूरा मामला
जमीन के झगड़े में महिला हेड कांस्टेबल और उनके बेटे की सोमवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई। औरैया दिबियापुर निवासी हेड कांस्टेबल सुनीता शुक्ला कानपुर जिले के कलक्टरगंज थाने में तैनात थीं। उनके बेटे ने दम तोड़ने से पहले पुलिस को बयान दे दिया। उसी आधार पर हेड कांस्टेबल के देवर और उसके बेटे के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की जा रही है। घर में ताला डालकर फरार हुए बाप-बेटे की तलाश की जा रही है। औरैया दिबियापुर निवासी सुनीता शुक्ला (54) पत्नी स्व. हरिओम शुक्ला ने का पैतृक गांव बेला थाना क्षेत्र का पिपरौली शिव है। उन्होंने अग्निवेश शुक्ला (22) को बतौर बेटा गोद लिया था। पति की मौत के बाद सुनीता और उनके देवर अवधेश के बीच पैतृक गांव के पास पुर्वा दुजे में स्थित जमीन को लेकर मुकदमा चला।
कोर्ट ने सुनीता के हक में फैसला सुनाया था। इस जमीन पर बटाईदार ने खेती की थी। बटाईदार ने फसल काट ली तो सुनीता ने दो दिन पहले खुद को देवर से खतरा बताते हुए पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई। साथ ही जमीन पर कब्जा दिलाने की मांग भी की, लेकिन पुलिस ने टरका दिया। सोमवार को वह बेटे अग्निवेश (22) के साथ गांव गईं। ट्रैक्टर बुलाकर खेत की जुताई कराने लगीं। कुछ ही देर में सुनीता का देवर अवधेश अपने बेटे विवेक उर्फ गोलू के साथ मौके पर आ धमका। आरोप है कि अवधेश ने खेत पर खड़े अग्निवेश को तमंचे से गोली मार दी। अग्निवेश भागा और दूर खड़ी मां को आवाज लगाई। मां-बेटे जान बचाकर भागे तो विवेक उर्फ गोलू ने सुनीता के सीने में दो गोलियां दाग दीं। उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
इसके बाद अवधेश व विवेक ने अग्निवेश को सीने व हाथ में तीन गोलियां और मारीं। गोलियों की आवाज सुन आसपास के लोग दौड़ पड़े तो हमलावर भाग निकले। सूचना पर आई पुलिस अग्निवेश को बिधूना अस्पताल ले गई। यहां उन्होंने पुलिस को बयान दिए। डाक्टर के रेफर किए जाने पर उन्हें सैफई ले जाया जा रहा था कि रास्ते में मौत हो गई। एसपी संजीव त्यागी भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों और मृतका के मायकेवालों के बयान दर्ज किए। एसपी ने बताया कि जमीन के विवाद में मां-बेटे की गोली मारकर हत्या की गई है। आरोपी गांव से भाग गए हैं। उन्हें पकड़ने के लिए टीम लग गई है। जल्द गिरफ्तार होंगे। रिपोर्ट दर्ज की जा रही है।